ब्रेकिंग न्यूज़
मोतिहारी के केसरिया से दो गिरफ्तार, लोकलमेड कट्टा व कारतूस जब्तभारतीय तट रक्षक जहाज समुद्र पहरेदार ब्रुनेई के मुआरा बंदरगाह पर पहुंचामोतिहारी निवासी तीन लाख के इनामी राहुल को दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पुलिस ने मुठभेड़ करके दबोचापूर्व केन्द्रीय कृषि कल्याणमंत्री राधामोहन सिंह का बीजेपी से पूर्वी चम्पारण से टिकट कंफर्मपूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगात
राष्ट्रीय
आरएसएस सांस्कृतिक नहीं आतंकवादी संगठन : माकपा
By Deshwani | Publish Date: 9/10/2017 3:39:53 PM
आरएसएस सांस्कृतिक नहीं आतंकवादी संगठन : माकपा

नई दिल्ली,  (हि.स.)। भाजपा द्वारा मार्क्सवादी कैडर के खिलाफ 'राजनीतिक हिंसा' को जनरक्षा यात्रा के माध्यम से देशव्यापी मुद्दा बनाने के पर प्रतिक्रिया में आज मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने भाजपा और संघ पर अपने कार्यकर्ताओं पर हिंसा करने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया। माकपा ने संघ को सांस्कृतिक संगठन न होकर आतंकवादी संगठन करार दिया। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, 'देश की जनता के अधिकारों के लिए माकपा ने हमेशा संघर्ष किया है। लाल झंडा हमारे खून से बना है आरएसएस आतंकवादी संघटन है। उन्होंने रोष प्रकट करते हुए तल्ख तेवरों में कहा, 'मिट गए लाल झंडे को मिटाने वाले, लाल झंडे को झुकाने की संघ और भाजपा की मंशा कभी पूरी नहीं होगी जो इसको मिटाने का प्रयास करेगा वो स्वयं नेस्तानबूंद हो जाएगा।' येचुरी ने कहा कि संघ एक तरफ सांस्कृतिक संगठन होने का दावा करता है दूसरी तरफ देश में हिंसा को बढ़ावा देता रहा है। भाजपा शासित राज्यों में लगातार दमन के माध्यम से आम जनता की आवाज को दबाया जा रहा है। माकपा के पोलित ब्यूरो के सदस्य प्रकाश करात ने कहा, 'संघ द्वारा पिछले पांच दशक से खूनी राजनीति को बढ़ावा दिया गया है। भाजपा अध्यक्ष ने तीन अक्टूबर को उद्घाटन के अवसर पर ऐलान किया था कि कन्नूर के जनपद में यात्रा करेंगे और 5 अक्टूबर को वो वहां से गायब हो गए। केरल की जनता ने इसको समर्थन नहीं दिया है| जहां-जहां इनकी जनरक्षा यात्रा गई, वहां हड़तालें हुई और इनका विरोध हुआ है। संघ ने हमेशा हिंसक वारदातों को बढ़ावा दिया है। इन्होंने हमेशा हिंसा की राजनीति को बढ़ावा दिया, हमारे कई कॉमरेड सदस्यों को इन्होंने मौत के घाट उतारा है। संघ-भाजपा द्वारा लगातार देश में हिंदुत्व के मूल्यों को किसानों, अल्पसंख्यक समुदाय और मजलूमों पर थोपने का प्रयास किया जा रहा है। इनकी मंशा केरल में सफल नहीं होगी।' पोलित ब्यूरो के सदस्य वृन्दा करात ने प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा, 'हम संघ भाजपा को चुनौती देना चाहते हैं कि हमने भाजपा की यात्रा में व्यवधान पैदा करने के लिए केरल में प्रशासन और पुलिस को इस्तेमाल नहीं किया| यह एक संदेश है कि माकपा लोकतंत्र में भरोसा करती है।' वृन्दा करात ने कहा, '17 अक्टूबर के बाद माकपा भाजपा-संघ के खिलाफ केरल ने जनता के बीच जाएगी। आज तक के इतिहास में माकपा कार्यकर्ता पहली बार भाजपा मुख्यालय पर प्रदर्शन कर रहे हैं| यह नई परम्परा अमित शाह द्वारा गढ़ी गई है।' वृंदा करात ने कहा, 'अमित शाह के आदेश पर राजधानी में प्रदर्शन किया जा रहा है। जिससे माकपा के कार्य के साथ आम जनता भी प्रभावित हो रही है। आज हम इनको चेतावनी देते हैं कि दमन छोड़ें अन्यथा माकपा द्वारा इनको मुहंतोड़ जवाब दिया जाएगा। आरएसएस, भाजपा का आतंकवाद देश में नहीं चलेगा।' गौरतलब है कि माकपा का प्रदर्शन विट्ठलभाई पटेल हॉउस से रवाना होकर भाजपा केंद्रीय मुख्यालय 11, अशोक रोड की तरफ बढ़ा लेकिन भाजपा मुख्यालय से पहले ही पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों को बैरिकेटिंग लगाकर रोक दिया गया। उल्लेखनीय है कि ठीक उस समय जब माकपा द्वारा भाजपा मुख्यालय पर प्रदर्शन किया जा रहा था दूसरी तरफ केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजू के नेतृत्व में भाजपा द्वारा माकपा मुख्यालय पर प्रदर्शन किया जा रहा था। 
 
विदेशी चंदा मामला : हाईकोर्ट ने कहा, छह हफ्ते में राजनीतिक दलों के खाते की जांच करे केंद्र
नई दिल्ली, 09 अक्टूबर (हि.स.)। दिल्ली हाईकोर्ट ने कांग्रेस और बीजेपी समेत राजनीतिक दलों द्वारा विदेशी चंदा लेने के मामले में एक अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वो छह हफ्ते में इन दलों के खातों की जांच कर ये पता लगाएं कि विदेशों से कितना चंदा लिया है । याचिका एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और सेवानिवृत नौकरशाह डॉ. ईएएस सरमा ने दायर की है ।
 
पिछले 20 जुलाई को हाईकोर्ट ने केंद्र से पूछा था कि आपने 2014 में कोर्ट के आदेश के बावजूद दोनों पार्टियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की। पिछले 21 मार्च को हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था।
 
वर्ष 2014 में दिल्ली हाईकोर्ट ने कांग्रेस और बीजेपी को एफसीआरए के उल्लंघन का दोषी करार देते हुए केंद्र सरकार को कार्रवाई का आदेश दिया था। हाईकोर्ट के इसी आदेश का पालन नहीं करने पर ये याचिका दायर की गई है। दोनों पार्टियों पर आरोप है कि इन्होंने विदेशी कंपनी वेदांता की सहयोगी कंपनी स्टरलाइट और सेसा कंपनियों से चंदा लिया था । इसके अलावा कोर्ट ने कांग्रेस पार्टी को लोक उपक्रम की कंपनी स्टेट ट्रेडिंग कारपोरेशन ऑफ इंडिया और मेटल्स एंड मिनिरल्स कारपोरेशन ऑफ इंडिया से चंदा लेने का दोषी पाया।
 
हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ दोनों पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी लेकिन नवंबर 2016 में उसे वापस ले लिया था क्योंकि संसद ने एफसीआर कानून में संशोधन कर लिया था।
image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS