नई दिल्ली, (हि.स.)। कांग्रेस ने अमति शाह के बेटे जय शाह को स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए ब्रेंड एंबेसडर बनाने की अपील की है। पार्टी का आरोप है कि दो साल में 50 हजार से 80 करोड़ रुपये का टर्नओवर करने वाले व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल की गई कुशल मैनेजमेंट को सार्वजनिक करना चाहिए ताकि देश युवा भी इसका फायदा कर सकें।
कांग्रेस पार्टी का आरोप है कि अमित शाह के बेटे जय शाह के पास 2013 में कोई अचल संपति नहीं थी लेकिन अब कंपनी के टर्नओवर में अप्रत्याशित बढ़ोतरी 80 करोड़ हो हुई है। कांग्रेस इसे अलग-अलग संस्थाओं से कर्ज लेकर बड़े स्तर पर मुनाफाखोरी करार दे रही है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनन्द शर्मा ने सोमवार को कहा, ‘एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह दावे करते हैं पारदर्शिता और भ्र्ष्टाचार के खिलाफ तो आज सवाल ये उठता है कि 2013-14 में जो कम्पनी घाटे में थी उसने अचानक इतना मुनाफा कैसे कमाया। 50 हजार के टर्नओवर से 18 हजार कमा लिए फिर अचानक 80 करोड़ का टर्नओवर कैसे सम्भव हुआ। 16 हजार गुना टर्नओवर उधोग जगत में एक इतिहास है। इसका खुलासा होना चाहिए जिससे उद्योग जगत के अन्य लोगों को भी इसका फायदा हो। इस कम्पनी ने विदेश से 51 करोड़ का व्यापार किया जिसको विदेशी व्यापार का बिल्कुल अनुभव नहीं था| अचानक कौन सा व्यापार मॉडल लगाया गया। अगर इतना योग्य व्यापारी भारत में हैं तो वो तो रोल मॉडल हैं| उसका उपयोग होना चाहिए या इसका खुलासा करना चाहिए। सबसे रोचक बात ये है कि इतनी तेजी से बढ़ने वाली कंपनी को नोटबन्दी के चार हफ्ते पूर्व 1.40 करोड़ का घाटा बताकर क्यों बंद कर दिया गया? भाजपा का इसमें आपत्ति करना दुर्भाग्यपूर्ण है। ‘
आनन्द शर्मा ने जय शाह के बचाव करने को लेकर कहा, ‘पीयूष गोयल सरकार के मंत्री हैं या जय शाह के प्रवक्ता? यह स्पष्ट होना चाहिए। इतने असुरक्षित लोन कैसे उपलब्ध हुए, यह बड़ा सवाल है। जहां देश में युवा छोटे-छोटे लोन के लिए परेशान है वहां यह आश्चर्य करने वाला है। भारत सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि स्टार्ट अप व्यापार के लिए किन-किन को इतना लोन मिला। ‘
आनन्द शर्मा ने पीयूष गोयल के बयान ‘ शाह की स्टार्टअप कम्पनी है’ को गलत करार दिया है। कालूपुर बैंक अहमदाबाद से भी इनको (जय शाह को) कर्ज दिया गया 25 करोड़ का जिसके लिए दो संपतियां जमानत के तौर पर रखी गई। सवाल ये है कि जब आरबीआई की गाइडलाइन है कि 1/4 कोलेट्रल पर आप ऋण नहीं दे सकते हैं तो जय शाह को किस आधार पर दिया गया। चौंकाने वाली बात ये है कि दूसरी सम्पति की मालकियत यशपाल चुदाशमा की है जो फर्जी मुठभेड़ कांड में यह अमित शाह के साथ सहआरोपी रहे हैं।‘