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'नीट' के खिलाफ प्रदर्शनों पर तमिलनाडु सरकार का हलफनामा सुप्रीम कोर्ट ने माना
By Deshwani | Publish Date: 9/10/2017 2:11:20 PM
'नीट' के खिलाफ प्रदर्शनों पर तमिलनाडु सरकार का हलफनामा सुप्रीम कोर्ट ने माना

नई दिल्ली, (हि.स.)। तमिलनाडु में राष्ट्रीय मेडिकल परीक्षा 'नीट' के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों के मामले में तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति ठीक है । तमिलनाडु सरकार के इस हलफनामे के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को बंद कर दिया।
 
पिछले 18 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को निर्देश दिया था कि वो कानून-व्यवस्था की स्थिति पर दो हफ्ते में हलफनामा दाखिल करें। पिछले 8 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को निर्देश दिया था कि वो कानून और व्यवस्था बनाए रखे। नीट को लेकर किसी भी तरह का विरोध प्रदर्शन नहीं होना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि अगर कोई इसका उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए और कोर्ट में पालना रिपोर्ट दाखिल की जाए।
 
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने नीट के खिलाफ लड़नेवाली अनीता की मौत के मामले में कोई भी दखल देने से इनकार कर दिया था। वकील जीएस मणि ने याचिका दायर कर पूरे मामले की न्यायिक जांच की मांग की थी। याचिका में कहा गया है कि मद्रास हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की देखरेख में पूरे मामले की जांच हो। याचिका में ये भी कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट राज्य सरकार को आदेश दे कि वो राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखे और कोई भी राजनीतिक पार्टी या कोई व्यक्ति सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन न करें। अनिता ने सुप्रीम कोर्ट में नीट को मेडिकल दाखिले का आधार बनाने का विरोध किया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया था।
 
अनीता ने 12वीं की पढ़ाई तमिलनाडु स्टेट बोर्ड से की थी। 12वीं की परीक्षा में अनीता को 98 फीसदी अंक मिले थे। पिछले साल तक तमिलनाडु के मेडिकल कॉलेजों में दाखिला 12वीं के अंकों के आधार पर मिलता था। अगर यही नियम जारी रहता तो अनीता को मेडिकल कोर्स में आसानी से दाखिला मिल जाता। लेकिन इस बार सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु को नीट के तहत परीक्षा और काउंसिलिंग करने का आदेश दिया। नीट परीक्षा में अनीता को केवल 86 नंबर मिले थे। ऐसे में उसे एमबीबीएस कोर्स में दाखिला नहीं मिल पाया।
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