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माकपा ने हिंसा को बनाया राजनीतिक संस्कृतिः अमित शाह
By Deshwani | Publish Date: 8/10/2017 2:21:16 PM
माकपा ने हिंसा को बनाया राजनीतिक संस्कृतिः अमित शाह

 नई दिल्ली, (हि.स.)। केरल में भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या और उन पर लगातार हो रहे हमलों के विरोध की गूंज राष्ट्रीय राजधानी में भी सुनाई पड़ी। वामपंथ शासित राज्य में अपने कार्यकर्ताओं पर हो रहे हिंसा के खिलाफ चल रही जनरक्षा पदयात्रा से इतर भाजपा ने राष्ट्रीय राजधानी में भी जनरक्षा पदयात्रा निकाल माकपा सरकार के खिलाफ अपना जबरदस्त विरोध जताया। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने दिल्ली प्रदेश भाजपा की अगुवाई में क्नॉट प्लेस से माकपा कार्यालय तक निकली पदयात्रा को रवाना करते हुए केरल की पी. विजयन सरकार पर जमकर निशाना साधा।

क्नॉट प्लेस से माकपा कार्यालय तक जाने वाली पदयात्रा को रवाना करने से पहले यहां आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि देश में जिस-जिस राज्य में वामपंथी सरकारें रही हैं वहां भाजपा व संघ कार्यकर्ताओं पर हमले हो रहे हैं। देश में तीन राज्य केरल, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में माकपा ने हिंसा को राजनीतिक संस्कृति में तब्दील कर दिया है। भाजपा कार्यकर्ताओं पर लगातार हमले हो रहे हैं, किंतु भाजपा इससे डरने वाली नहीं है।
 
शाह ने कहा कि केरल में पिछले 17 वर्षों में 120 भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है। सर्वाधिक 84 हत्यायें मुख्यमंत्री पी. विजयन के गृह जिले कन्नूर में हुई हैं। इससे साफ है कि मुख्यमंत्री इस तरह की हिंसा को ब़ढ़ावा दे रहे हैं। हैरत की बात ये है कि भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या हो रही है किंतु दोषियों की गिरफ्तारी तक नहीं हो रही। उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या के लिए कथित तौर पर माकपा कार्यकर्ताओं को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या ही नहीं हो रही बल्कि उनके शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर यह संदेश देने की कोशिश की जा रही कि जो भाजपा के साथ जाएगा उसका यही हश्र होगा ।
 
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि माकपा और वामपंथी कार्यकर्ताओं को यह समझ लेना चाहिए कि जितना वह हिंसा का कीचड़ फैलाएंगे भाजपा का कमल उतना ही खिलेगा। भाजपा की विचारधारा हिंसा से नहीं डरने वाली। भाजपा कार्यकर्ता हिंसा का जवाब हिंसा से नहीं देंगे। हम कम्युनिस्ट नहीं है और न ही हिंसा की राजनीति करते हैं। उन्होंने कहा कि हम हिंसा का जवाब लोकतांत्रिक तरीके से देंगे और जनता के साथ खड़ा होकर ऐसा माहौल बना देंगे कि माकपा नेता अपने कार्यालय से नहीं निकल पाएंगे। 
 
भाजपा व संघ कार्यकर्ताओं की हत्या पर मानवाधिकार संगठनों की चुप्पी पर सवाल खड़ा करते हुए शाह ने कहा कि हिंसा, हिंसा होती है वह कम्युनिस्ट करें या कोई। एक साथ 12 भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या हो जाती है किंतु, मानवाधिकार के पैरोकार मौन हैं। वे क्यों नहीं इसका विरोध करते। छोटी-छोटी बातों पर मोमबत्ती लेकर सड़क पर उतरने वाले मानवाधिकार के पैरोकार अब क्यों सामने नहीं आ रहे। शाह ने कहा कि अब साफ हो गया है कि इनका विरोध सेलेक्टिव है। यह हिंसा का विरोध नहीं करते बल्कि विचारधारा का विरोध करते हैं, ये स्पष्ट है। शाह ने कहा कि भाजपा केरल में हिंसा के शिकार हुए अपने कार्यकर्ताओं के परिवार के साथ चट्टान के साथ खड़ी है। पार्टी केरल में वामपंथी हिंसा के खिलाफ देशभर में पदयात्रा कर रही है।
 
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