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मेट्रो किराया बढ़ोत्तरी रोकने को हर साल 3000 करोड़ दे केजरीवाल सरकार: केंद्र
By Deshwani | Publish Date: 7/10/2017 8:32:54 PM
मेट्रो किराया बढ़ोत्तरी रोकने को हर साल 3000 करोड़ दे केजरीवाल सरकार: केंद्र

नई दिल्ली, (हि.स.)। दिल्ली मेट्रो का किराया बढ़ोत्तरी अब केंद्र बनाम दिल्ली सरकार का राजनीतिक रंग ले चुकी है। इसकी एक बानगी शनिवार को भी देखने को मिली। दरअसल केंद्र सरकार की ओर से दिल्ली मेट्रो किराया बढ़ोत्तरी रोकने के लिए केजरीवाल सरकार को हर साल होने वाली 3000 करोड़ रुपये की क्षति की भरपाई करने की नसीहत दी गई है।

केंद्रीय शहरी एवं आवास मंत्रालय ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लिखे पत्र में इस बात का जिक्र किया है। पत्र में कहा गया है कि दिल्ली मेट्रो अधिनियम प्रस्तावित किराया बढ़ोतरी को रोकने की इजाजत नहीं देता है। फिर भी यदि केजरीवाल किराया वृद्धि को रोकना चाहते हैं तो नई किराया निर्धारण समिति का गठन किया जा सकता है, बशर्ते दिल्ली सरकार डीएमआरसी को मेट्रो परिचालन में हर साल होने वाले 3000 करोड़ रुपये की क्षति की भरपाई कर दे। 
मौजूदा किराया निर्धारण समिति द्वारा किराए में प्रस्तावित बढ़ोतरी को आगामी 10 अक्टूबर से लागू करने के डीएमआरसी के फैसले का दिल्ली सरकार लगातार विरोध कर रही है। केजरीवाल सरकार लगातार मेट्रो किराया बढ़ोत्तरी को जनविरोधी करार दे रही है। इस संबंध में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय शहरी एवं आवास मंत्री हरदीप सिंह पुरी को हाल ही में पत्र लिख कर 6 महीने में दो बार किराया बढ़ोतरी को जनता के साथ अन्यायपूर्ण और गैरकानूनी बताते हुए इसे रोकने की मांग की थी। हालांकि विरोध के वाबजूद दिल्ली मेट्रो का किराया बढ़ना तय माना जा रहा है। 
केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि हरदीप सिंह पुरी ने केजरीवाल के सुझावों पर विस्तार से विचार-विमर्श कर उन्हें बताया कि मौजूदा परिस्थतियों में किराया बढ़ोत्तरी को रोकना नामुमकिन है। उन्होंने किराया बढ़ोत्तरी को रोकना के उपाय भी सुझाए हैं। मेट्रो रेल (परिचालन एवं रखरखाव) अधिनियम 2002 के तहत गठित समिति की सिफारिशें मेट्रो प्रबंधन पर बाध्यकारी होती हैं। इतना ही नहीं इस कानून के तहत केंद्र अथवा राज्य सरकार और डीएमआरसी के निदेशक मंडल के पास भी समिति की सिफारिशों में बदलाव करने का कानूनी अधिकार नहीं है। पुरी ने दो बार किराया बढ़ोतरी में कम से कम एक साल का अंतर होने और सालाना सात प्रतिशत किराया बढ़ोत्तरी की अधिकतम सीमा की केजरीवाल की दलील को भी गलत बताया है।
 
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