मंडी, (हि.स.)। कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को हिमाचल में कांग्रेस का चेहरा घोषित कर चुनावी शंखनाद कर दिया। शनिवार को ऐतिहासिक पडडल मैदान में प्रदेश सरकार की विकास से विजय की ओर रैली के दौरान वीरभद्र सिंह और कांग्रेस सगंठन के बीच की अटकलों को खारिज करते हुए राहुल गांधी ने ऐलान किया कि वीरभद्र सिंह छह बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहें हैं और अब सातवीं बार भी उन्हीं के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनेगी।
राहुल गांधी ने कहा कि वीरभद्र राजा नहीं फकीर हैं। दिल से काम करते हैं। मोदी गुजरात के मॉडल की बात करते हैं, मगर हिमाचल में वीरभद्र सिंह के शासन में कांग्रेस की सरकार ने अभूतपूर्व कार्य किए हैं। इतना किया है कि गुजरात में भाजपा की सरकार भी नहीं कर पाई है। हिमाचल में पिछले पांच साल में 70 हजार युवाओं को रोजगार मिला है, जबकि गुजरात में मात्र 10 हजार युवाओं को ही रोजगार मिला है। गुजरात मॉडल हिमाचल के विकास के आगे कुछ भी नहीं है।
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने इस अवसर पर पिछले पांच साल में उनकी सरकार की ओर से किए गए विकास कार्यों का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि हिमाचल के विकास के साथ कांग्रेस का नाम जुड़ा है। इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुशील कुमार शिंदे, राज्यसभा में विपक्ष के उप नेता आनंद शर्मा, सह प्रभारी रंजिता रंजन, सुखविंद्र सिंह सुक्खू और प्रदेश मंत्रिमंडल के सहयोगी, विधायक व पूर्व विधायक मौजूद रहे।
गौरतलब है कि वीरभद्र सिंह हिमाचल में कांग्रेस का एकमात्र चेहरा हैं। वीरभद्र सिंह जमीन से जुड़े नेता हैं और पूरे प्रदेश में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को सत्ता पर काबिज करने का श्रेय वीरभद्र सिंह को ही जाता है। इन दिनों प्रदेश कांग्रेस में नेतृत्त्व को लेकर खींचतान चल रही थी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखबिंदर सिंह सुक्खू के साथ वीरभद्र सिंह का छतीस का आंकड़ा है और पिछले दिनों वीरभद्र ने सुक्खू को हटाने की भरसक कोशिश की, जो सिरे नहीं चढ़ पाई। वीरभद्र और सुक्खू में टकराव का असर पार्टी की चुनावी तैयारियों पर भी देखा गया।