राष्ट्रीय
एनजीटी का जंतर मंतर पर फैसला आमजनता के हितों पर कुठाराघात : शरद यादव
By Deshwani | Publish Date: 7/10/2017 5:16:13 PMनई दिल्ली, (हि.स.) । जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के रोक के फैसले का विभिन्न संगठनों और प्रदर्शनकारियों के बाद अब राजनीतिक नेताओं ने भी विरोध जताया है। जनता दल (यू) के बागी वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य शरद यादव ने एनजीटी के निर्णय को आम जनता के हितों पर कुठाराघात बताया है। शरद यादव ने शनिवार को हिन्दुस्थान समाचार द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि जंतर मंतर पर एनजीटी का आदेश गलत है । यह सीधे-सीधे 125 करोड़ आबादी के हितों पर कुठाराघात है। उन्होंने एनजीटी के रामलीला मैदान में प्रदर्शनकारियों को भेजने पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या रामलीला मैदान के बाहर आम जनता नही रहती है। हमारा 40 वर्षों से वहां कार्यालय है लाखों की आबादी रहती है। धरना प्रदर्शन पहले बोट क्लब पर होते थे वहां से हटाकर जंतर मंतर लाया गया । एनजीटी क्या कहना चाहता है कि रामलीला के बाहर क्या बहरे लोग रहते हैं। शरद यादव ने कहा कि जंतर मंतर एक स्थान है जहां से सरकार को अपनी आवाज पहुंचाने के लिए प्रदर्शनकारी उपयोग करते हैं।
शरद यादव ने एनजीटी को ही कटघरे में खड़े करते हुए कहा कि एनजीटी को पहले श्री श्री रवि शंकर से पर लगाया गया जुर्माना वसूलना चाहिए। रविशंकर ने पूरी यमुना बर्बाद कर दी और आयोजन की तय शर्त के मुताबिक जुर्माना अब तक नही दिया। उन पर क्या कार्रवाई की गई ?