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जीएसटी का मतलब ''एक देश, एक टैक्स'' की बजाय ''एक देश, सात टैक्स'' हो गया: कांग्रेस
By Deshwani | Publish Date: 7/10/2017 3:58:52 PM
जीएसटी का मतलब ''एक देश, एक टैक्स'' की बजाय ''एक देश, सात टैक्स'' हो गया: कांग्रेस

नई दिल्ली, (हि.स.)। कांग्रेस ने आरोप लगया है कि मोदी सरकार ने जीएसटी ढांचे को अस्त-व्यस्त करके इसका मजाक बना दिया है। एक देश, एक टैक्स की बजाय एक देश, सात से ज्यादा टैक्स हो गया। जीएसटी टालने का फैसला लोगों को राहत देने के लिए नहीं बल्कि जीएसटी की नाकामियों को छुपाने और आगामी विधानसभा चुनाव जीतने की कोशिश है।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी जीएसटी में कुछ वर्गों को दी गयी अंतरिम राहत का स्वागत करती है लेकिन मोदी सरकार ने हितधारकों से बातचीत नहीं की। मोदी सरकार की नोटबंदी आपदा और अस्पष्ट जीएसटी ने भारत की जीडीपी को दो फीसदी फायदा होने का मौका गंवा दिया। वित्त मंत्री ने लोगों को ये नहीं बताया कि एक्साईज सीमा पहले से ही 1.5 करोड़ थी, जिसे जीएसटी में घटाकर 75 लाख रुपये किया गया था अब वापस फैसला पलटा गया है। ईंधन को जीएसटी के तहत लाने से इंकार करके वित्त मंत्री पेट्रो करों से सालाना 2.73 लाख करोड़ की कमाई छोड़ना नहीं चाहते!’
सुरजेवाला ने कहा, ‘जीएसटी टालने का फैसला लोगों को राहत देने के लिए नहीं बल्कि जीएसटी की नाकामियों को छुपाने और आगामी विधानसभा चुनाव जीतने की कोशिश है। बिना तैयारी किये जीएसटी लागू कर दिया गया जबकि इसकी तकनीक अभी भी पूरी तरह तैयार नहीं है। इसलिए इसे मार्च 2018 तक टालना पड़ा। 15 से 15.25 प्रतिशत के बीच जीएसटी सीमा तय करने की मुख्य आर्थिक सलाहकार की सलाह की उपेक्षा करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री ने भारत को दुनिया का सर्वोच्च जीएसटी दर दिया। मोदी सरकार ने जीएसटी ढांचे को अस्त-व्यस्त करके इसका मजाक बना दिया। एक देश, एक टैक्स की बजाय एक देश, सात से ज्यादा टैक्स हो गया। कांग्रेस के जीएसटी की भावना और उद्देश्य एकल, स्पष्ट और पारदर्शी कर प्रणाली की थी, लेकिन भाजपा का जीएसटी कष्टकारी है।‘
कांग्रेस नेता ने कहा कि कांग्रेस के जीएसटी की भावना और उद्देश्य एकल, स्पष्ट और पारदर्शी कर प्रणाली की थी लेकिन भाजपा का जीएसटी कष्टकारी है। जीएसटी की अवधारणा में कोई दोष नहीं है, मोदी जी और जेटली जी द्वारा इसे लागू करने का तरीका दोषपूर्ण है। गुड और सिंपल टैक्स की बजाय मोदी सरकार का जीएसटी डरावना टैक्स बन गया है। 
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