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पलक झपकते ही नेस्तनाबूद कर देंगे पाक के परमाणु ठिकाने: वायुसेना प्रमुख
By Deshwani | Publish Date: 5/10/2017 8:36:42 PM
पलक झपकते ही नेस्तनाबूद कर देंगे पाक के परमाणु ठिकाने: वायुसेना प्रमुख

 नई दिल्ली, (हि.स.)। भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान और चीन को एक बार फिर से उसकी नापाक हरकतों के लिए चेताया है। वायु सेना ने स्पष्ट किया है कि अगर पाक-चीन अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आते है तो वायुसेना बड़ी कार्रवाई करने से चुकेगा नहीं। 

भारतीय वायु सेना प्रमुख बीएस धनोआ ने गुरुवार को सालाना संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि वायुसेना हर स्थिति से निपटने के लिए सक्षम है। धनोआ ने कहा कि सिक्किम सेक्टर सीमा पर चीन के साथ तनातनी की स्थिति बनी हुई है। चीन और पाकिस्तान की ओर से लगातार मिल रही चुनौती के मध्य एयर चीफ का यह बयान काफी अहम माना जा रहा है। उन्होंने कहा कि डोकलाम विवाद भले ही खत्म हो गया हो लेकिन चुंबी घाटी में चीन के सैनिक आज भी बड़ी तादाद में मौजूद हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि ये सैनिक युद्धाभ्यास के लिए मौजूद हैं। उन्हें उम्मीद है कि युद्धाभ्यास के बाद वे वापस लौट जाएंगे। 
 
डोकलाम विवाद का जिक्र करते हुए वायुसेना प्रमुख ने कहा कि उस वक्त भी चीनी वायुसेना की पूरी ताकत तिब्बत में मौजूद थी लेकिन उनके लड़ाकू विमान कभी भी वास्तविक नियंत्रण रेखा यानि सीमा के बीस किलोमीटर के दायरे में नहीं आए। दरअसल, एलएसी के 20 किलोमीटर के दायरे में दोनों देश के लड़ाकू विमान नहीं आते हैं, जो दोनों देशों के बीच में अलिखित समझौता है। एयर चीफ मार्शल धनोआ के मुताबिक, डोकलाम विवाद के दौरान भी चीनी वायुसेना तिब्बत के दो एयरबेस पर युद्धाभ्यास कर रही थी। उन्होंने कहा कि भारत और चीन दोनों ही युद्ध नहीं चाहते हैं। उन्होनें कहा कि टू-फ्रंट वॉर आज के जियो-पॉलिटिक्ल परिस्थितियों में इसकी संभावनाएं कम हैं लेकिन हमें इसके लिए तैयार रहना होगा। 
 
वायुसेना प्रमुख धनोआ ने कहा कि भारतीय वायु सेना किसी भी समय युद्ध के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने बाकायदा दावा किया कि वायुसेना पलक झपकते ही पाकिस्तान के न्यूक्लियर ठिकानों को तबाह करने माद्दा रखती है। धनोआ ने कहा कि चीन और पाकिस्तान को माकूल जवाब देने को वायु सेना तैयार है। धनोआ ने कहा कि अगर केंद्र सरकार फैसला ले तो वायुसेना सर्जिकल स्ट्राइक में भी शामिल होगी। एयर चीफ मार्शल ने कहा कि अगर दो फ्रंट पर लड़ाई होती है तो हमें 42 स्क्वॉड्रन की आवश्यकता पड़ेगी। इसके लिए हमारे पास प्लान 'बी' भी तैयार है।
 
धनोआ ने कहा, 'साल 2032 तक वायुसेना 42 लड़ाकू विमानों की स्वीकृत क्षमता हासिल कर लेगी। वायुसेना हर मोर्चे पर युद्ध के लिए तैयार है। वह कम से कम समय में पूरी क्षमता के साथ लड़ सकती है।' धनोआ ने चीन के मुद्दे पर कहा, 'चीन के खिलाफ हमारी क्षमता पर्याप्त है। अगर दो फ्रंट पर लड़ाई होती है तो हमें 42 स्क्वॉड्रन की जरूरत होगी।' उन्होंने बताया कि चीन की एयरफोर्स हमेशा गर्मी के मौसम में ही ऑपरेशन करती है और सर्दी के समय पीछे हटने लगती है। भारतीय वायु सेना जवाबी कार्रवाई के लिए बिल्कुल तैयार है, मात्र कुछ ही मिनट चाहिए।'
 
धनोआ ने कहा कि सीमा पर शांति के समय में भी जवानों की मौत होना काफी चिंताजनक है। हम दुर्घटनाओं को कम करने के लिए आवश्यक कदम उठा रहे हैं। हमारे पास अभी कम संख्या में फाइटर हैं लेकिन हम किसी भी तरह के टास्क को पूरा करने में पूर्णतः सक्षम हैं।
 
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