राष्ट्रीय
अंतर्राष्ट्रीय मजदूर संगठन ने किया मोदी सरकार पर हमला
By Deshwani | Publish Date: 5/10/2017 4:01:03 PMनई दिल्ली, (हि.स.)। अंतर्राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन कनफेडरेशन ने राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) के सहयोग का ऐलान किया है। आईटीयूसी के अनुसार भारत में आज भी न्यूनतम मजदूरी दर को पूरी तरह से लागू नहीं किया गया है।
आईटीयूसी महासचिव शरन बोरो ने कहा, ‘मोदी सरकार की मजदूरों और रोजगार के प्रति नकारात्मक रैवेया का सीधा परिणाम विश्व पटल पर देखने को मिल रहा है, जहां भारत के नकारात्मक छवि पेश हो रही है। विश्वभर के मजदूर संगठन इसकी निंदा कर रहे हैं। केंद्र की मोदी सरकार को अपने रुख में परिवर्तन लाना होगा।‘
शरन बोरो ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-20 समिट और यूएन के मंच पर भारत को सबसे बड़ा लोकतांत्रित देश और श्रमिक हितैषी होने का दावा कर जोकि वास्तविकता से विपरीत है। नोटबंदी से मोदी सरकार का वास्तविक मकसद हल होने के बजाय इसकी वजह से मजदूर सीधे प्रभावित हुए। हमारी भारत सरकार से मांग है कि वो मजदूर संगठन से बात कर श्रमिक हितैषी नीतियां बनाएं।
विश्व के अधिकतर देशों में मजदूरों के 8 घंटे काम करने का संबंधित कानून बना हुआ है। एक मजदूर देश के निर्माण में बहुमूल्य भूमिका निभाता है और उसका देश के विकास में अहम योगदान होता है। किसी भी समाज, देश, संस्था और उद्योग में काम करने वाले श्रमिकों की अहम भूमिका होती है। मजदूरों के बिना किसी भी औद्योगिक ढांचे के खड़े होने की कल्पना नहीं की जा सकती इसलिए श्रमिकों का समाज में अपना ही एक स्थान है। देश में अधिकतर प्राइवेट कंपनियां या फैक्टरियां अब भी अपने यहां काम करने वालों से 12 घंटे तक काम कराते हैं, जो कि एक प्रकार से मजदूरों का शोषण है। आज जरूरत है कि सरकार को इस दिशा में एक प्रभावी कानून बनाना चाहिए और उसका सख्ती से पालन कराना चाहिए।