राष्ट्रीय
कैलाश सत्यार्थी को बीयू दी डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद उपाधि
By Deshwani | Publish Date: 5/10/2017 11:07:48 AM भोपाल, (हि.स.)। नोबल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी द्वारा सुरक्षित बचपन-सुरक्षित भारत विषय पर भारत यात्रा के अंतर्गत बुधवार को राजधानी भोपाल के बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में सानिध्य सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कैलाश सत्यार्थी को बरकतउल्ला विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। इस मौके पर प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनीस भी मौजूद रहीं।
श्रीमती चिटनीस ने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक जिले में एक-एक शासकीय बालगृह आरंभ किया जाएगा। हिंसा से पीडि़त महिलाओं को कानूनी, मनोवैज्ञानिक, चिकित्सीय मदद एक स्थान पर उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश में वन स्टॉप सेंटर आरंभ किये गये हैं। इनका विस्तार अधिक से अधिक जिलों में किया जा रहा है। कार्यक्रम में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष न्यायमूर्ति दलीप सिंह, बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के कुलपति पी.के. वर्मा, बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष राघवेन्द्र शर्मा तथा पुलिस महानिदेशक ऋषि कुमार शुक्ल भी उपस्थित थे।
श्रीमती चिटनिस ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा का विषय सरकार और कानून का तो है ही पर सबसे पहले यह विषय परिवार और समाज का है। भौतिकता, आधुनिक शिक्षा व्यवस्था तथा तकनीकी विकास से समाज में आये बदलावों को देखते हुए हमारे लिये बाल यौन शोषण के खिलाफ जागरूक होकर जिम्मेदारी निभाने का समय है।
कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि गरीबी और जात-पात के नाम पर सदियों से बच्चों की गुलामी चली आ रही है। बच्चों ने जब मानव समाज के लिए कोई समस्याएँ उत्पन्न नहीं की हैं तो उनके साथ मानवीय गरिमा का हनन क्यों हो और उनके इंसान होने के वजूद पर प्रश्नचिन्ह क्यों है। सत्यार्थी ने कहा कि बाल यौन शोषण भारत के लिए एक बड़ी चुनौती है। इसका सामना हम संकल्प शक्ति और जागरूकता के बल पर ही कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत यात्रा भय के खिलाफ एक महायुद्ध है। हमें यह सोचना होगा कि हमारे सांस्कृतिक मूल्य भय से संचालित होंगे या हम एक भयमुक्त भारत बनायेंगे। श्री सत्यार्थी ने इस अवसर पर बाल यौन शोषण के खिलाफ शपथ भी दिलवाई।