राष्ट्रीय
सीबीआई के समन के खिलाफ कार्ति चिदंबरम की सुप्रीम कोर्ट में याचिका
By Deshwani | Publish Date: 4/10/2017 1:36:11 PMनई दिल्ली, (हि.स.)। पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के पुत्र कार्ति चिदंबरम ने सीबीआई के समन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। सीबीआई ने उनको आज ही पेश होने के लिए बुलाया था।
पिछले 22 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के पुत्र कार्ति चिदंबरम को विदेश जाने की अनुमति नहीं दी थी। सीबीआई ने कहा था कि कार्ति ने अपने कई विदेशी खातों को बंद कर दिया। सीबीआई के मुताबिक जब लुकाउट सर्कुलर जारी किया गया था उसके पहले ही कार्ति विदेश गए और उन खातों में जमा पैसों को ट्रांसफर कर दिया। सीबीआई ने कहा था कि ये कार्ति के बयान से उलट है जिसमें उन्होंने कहा था कि विदेश में उनका एक ही खाता है।
पिछले 1 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया था कि वो कार्ति से पूछताछ की पूरी रिपोर्ट पेश करें। कोर्ट ने कार्ति चिदंबरम को विदेश जाने की अर्जी भी खारिज कर दी थी । सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा कि कार्ति चिदंबरम के पिता पी चिदंबरम जब वित्त मंत्री थे तब कार्ति फॉरेन इंवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड से फाइल क्लियर करवाने के लिए सर्विस चार्ज वसूलते थे। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को इस बात की अनुमति दी कि वे कार्ति के खातों और विदेश में स्थित संपत्तियों का ब्यौरा कोर्ट के समक्ष पेश करें।
कार्ति की तरफ से वरिष्ठ वकील गोपाल सुब्रमण्यम ने कहा कि सीबीआई ने हमें 23 अगस्त को बुलाया तो हम वहां गए। उन्होंने हमें दोबारा बुलाया तो हम फिर पेश हुए। लुकआउट नोटिस किसी व्यक्ति की गतिविधि पर नजर रखने के लिए जारी होता है। हमारे मुवक्किल के खिलाफ बयान जारी कर कहा जाता है कि उसके पास विदेशों में काफी संपत्ति है। असल मसला ये है कि हमारे मुवक्किल के पिता ने कुछ कंपनियों को एफआईपीबी का क्लियरेंस दिया। उन्होंने कहा कि लुकआउट नोटिस मेनका गांधी केस के बाद जारी नहीं हो सकता है। हमने ये हलफनामा दिया है कि हम सभी जांच में शामिल होंगे। हमारा पूरा परिवार यहां है, हम क्यों भागेंगे।
पिछले 18 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के पुत्र कार्ति चिदंबरम को 23 अगस्त को सीबीआई के समक्ष पेश होने का आदेश दिया था । तत्कालीन चीफ जस्टिस जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली बेंच ने कार्ति के खिलाफ जारी लुकआउट नोटिस को निरस्त नहीं किया था और कहा था कि वे विदेश नहीं जा सकते हैं। उसके बाद कार्ति 23 और 28 अक्टूबर को सीबीआई के समक्ष पेश हुए थे।