कन्नूर/नई दिल्ली, (हि.स.)। केरल में भाजपा लंबे समय से पहुंच बनाने के लिए प्रयासरत है। हालांकि उसे अधिक सफलता नहीं मिल पाई है लेकिन चुनाव दर चुनाव उसका जनाधार बढ़ा है। लेकिन इसके चलते रा.स्व.संघ और भाजपा के कार्यकर्ताओं पर हमले भी बढ़े हैं। उनके कार्यकर्ताओं को अपनी जान गंवानी पड़ी है। इसलिए भाजपा ने इस बार आर या पार की ठान ली है। भाजपा का कहना है कि वह सत्तारूढ़ वाममोर्चे की हिंसक राजनीति का जवाब लोकतांत्रिक तरीके से देगी। इसके तहत भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार से जनरक्षा यात्रा की शुरुआत कर दी है। यह पदयात्रा 17 अक्टूबर को राज्य की राजधानी तिरुवनंतपुरम में समाप्त होगी।
बड़ी बात यह है कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने राज्य के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन के क्षेत्र कन्नूर से ही इस जनरक्षा यात्रा की शुरुआत की है। जनरक्षा यात्रा को हरी झंडी दिखाने से पहले अमित शाह ने कन्नूर के राजराजेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त किया। उनके साथ केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान भी थे। अध्यक्ष अमित शाह शुरूआत के तीन दिन स्वयं इस यात्रा में शामिल रहेंगे। इसके बाद बारी बारी से केन्द्रीय मंत्रियों और भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारियों का कार्यक्रम तय किया गया है।
दरअसल, भाजपा केरल और पश्चिम बंगाल में अपनी जड़ें मजबूत करने में जुटी है। पार्टी की कोशिश है कि अगले विधानसभा चुनाव तक वह खुद को मुख्य विरोधी दल के रूप में स्थापित कर ले। उल्लेखनीय यह भी है कि जब-जब राज्य में माकपा के अगुवाई वाला एलडीएफ सत्तारूढ़ होता है, संघ-भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले बढ़ जाते हैं। इस बार भी यही हो रहा है। लेकिन बीते जुलाई माह में संघ के एक युवा कार्यकर्ता राजेश की हत्या के बाद संघ के सब्र का पैमाना टूट गया। एेसा संघ के ही सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा था। संघ के आक्रोश को देखते हुए संसद में भी बात उठी और केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली भी केरल जाकर पीड़ित परिवार से मिले। इसके बाद भाजपा ने बड़े आंदोलन के संकेत दिए थे। जनरक्षा यात्रा उसका उसका पहला कार्यक्रम है।
गौरतलब है कि पिछले विधानसभा में पहली बार भाजपा वहां एक सीट जीतने में सफल रही थी। इसके अलावा कई ऐसी सीटें रही हैं जिन पर भाजपा 1 से 10 हजार के अंतराल से दूसरे स्थान पर रह गई। ऐसे में भाजपा नेतृत्व को यह अहसास होने लगा है कि केंद्र सरकार की योजनाओं के प्रचार प्रसार और जमीनी संघर्ष से पार्टी खुद को उसके लिए सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण इस राज्य में स्थापित कर सकती है।
इसके अलावा भाजपा ने अगले लोकसभा चुनाव में भी वहां दस सीटों को चिन्हित कर चुनावी तैयारी शुरु कर दी है। भाजपा अध्यक्ष ने जून माह में ही तीन दिन केरल में प्रवास कर अलग-अलग बैठकें कर इसका खाका तैयार कर लिया है। इसके अलावा केंद्रीय मंत्रियों को भी इसका दायित्व दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में संपन्न मंत्रिमंडल विस्तार में केरल से अल्फोंस कन्नथनम को मंत्री भी बनाकर इसका संकेत दे दिया है।