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राजघाट पर बैठे अन्ना, केंद्र पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप
By Deshwani | Publish Date: 2/10/2017 2:01:04 PM
राजघाट पर बैठे अन्ना, केंद्र पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप

नई दिल्ली, (हि.स.)। समाजसेवी अन्ना हजारे ने केंद्र सरकार पर भ्रष्टाचार तथा लोकपाल सहित अन्य वादे पूरे नहीं करने का आरोप लगाते हुए सोमवार को महात्मा गांधी के समाधि स्थल राजघाट पर एक दिन के सत्याग्रह पर बैठ गये हैं। अन्ना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस संबंध में एक पत्र भी लिखा है। 

अन्ना हजारे सोमवार को महाराष्ट्र से दिल्ली पहुंचे और सीधे राजघाट गये और वहां महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर अन्ना हजारे ने कहा कि मैं राजघाट पर गांधी जी को नमन करने आया हूं। उन्होंने कहा कि आज 2 अक्टूबर को बापू की जयंती पर उन्हें नमन करते हुए मन ही मन बड़ा दुख हो रहा है।
अन्ना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा कि बढ़ते हुए भ्रष्टाचार तथा लोकपाल एवं लोकायुक्त कानून पर अमल न होने के कारण मन व्यथित है| इसी के चलते व्यक्तिगत सत्याग्रह पर बैठ रहा हूं। पत्र में उन्होंने कहा कि आपने चुनाव के दौरान भ्रष्टाचारमुक्त भारत बनाने के लिए देश में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्त आयोग बनाने का वादा किया था| तब आपने विदेश में छुपाया हुआ कालाधन 30 दिन में वापस लाने, नोटबंदी से देश में छुपाया हुआ कालाधन खत्म होने और किसानों की आत्महत्या रुकने और किसानों के उपज को पैदावारी के मूल्य पर आधारित सही दाम मिलने, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट पर अमल होने और महिलाओं की सुरक्षा और देश में अच्छे दिन आने का वादा किया था। आपकी सरकार की ऐसी कितनी बातों पर देश की जनता आशा लगा के बैठी है लेकिन आज तीन साल बाद वर्तमान स्थिति क्या है? न लोकपाल- लोकायुक्त नियुक्त किया गया है, न नागरिक संहिता पर अमल हुआ है। न विदेश का कालाधन वापस आया हैं, न नोटबंदी से देश में छुपाये कालेधन का जनता को हिसाब मिला है। न ही किसानों की आत्महत्या रुकी है, बल्कि बढ़ती जा रही है। स्वामीनाथन कमेटी रिपोर्ट धूल फांक रही है। न किसानों की उपज को पैदावारी के आधार पर दाम मिला है, न देश की नारी को सुरक्षा एवं सम्मान मिला है। ऐसा दिन नहीं जाता कि महिलाओं पर अन्याय नहीं हुआ। भ्रष्टाचार तो दिन ब दिन बढ़ता ही जा रहा है। फोर्ब्स की रिपोर्ट से पता चला कि वर्तमान स्थिति में एशिया स्थित सभी देशों में भ्रष्टाचार को लेकर भारत पहले स्थान पर है। ट्रान्फरेन्सी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार पता चलता है कि भारत में भ्रष्टाचार की स्थिति काफी खराब है। इससे और दुर्भाग्यपूर्ण बात क्या हो सकती है?
देश की इस वर्तमान स्थिति को देखते हुए सवाल पैदा होता है कि क्या महात्मा गांधी, सरदार वल्लभभाई पटेल, शहीद भगत सिंह सहित लाखों देशभक्तों ने स्वतंत्र भारत का सपना इसीलिए देखा था? क्या इसीलिए लाखों देशभक्तों ने देश की आजादी के लिए कुर्बानी दी? आजादी के 70 साल बाद भी अगर देश में सही लोकतंत्र स्थापित नहीं हो सका, जनता को सही आजादी का अनुभव नहीं मिला तो फिर सवाल पैदा होता है कि क्या हमारे स्वातंत्र्यवीरों की कुर्बानी व्यर्थ में गयी?
उन्होंने लिखा है कि केवल भ्रष्टाचार को मिटाने और विकास के मुद्दे पर जनता ने आपकी सरकार चुनी है। अब तीन सालों से अधिक समय बीत चुका है। लेकिन देश में भ्रष्टाचार बिल्कुल कम नहीं हुआ है बल्कि बढ़ता ही जा रहा है। दुःख के साथ कहना पड़ता है कि भ्रष्टाचार को रोकने के लिए आपकी सरकार ने बड़ी-बड़ी बातों के सिवा कुछ भी नहीं किया है। ऐसे में कैसे बनेगा भ्रष्टाचार मुक्त भारत? इसलिए आज मन बहुत दुखी हो रहा है।
 
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