राष्ट्रीय
रामलीला मनोरंजन नहीं मकसद बनना चाहिए, रावण जैसी प्रवृति के विनाश का लें संकल्प: पीएम मोदी
By Deshwani | Publish Date: 30/9/2017 7:03:30 PMनई दिल्ली, (हि.स.)। असत्य पर सत्य और अधर्म पर धर्म की जीत को लेकर संपूर्ण देश में शनिवार को विजयदशमी का पर्व पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। राजधानी दिल्ली में ऐतिहासिक लाल किला के सामने सुभाष मैदान पर आयोजित श्री धार्मिक रामलीला कमेटी की रामलीला में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह शरीक हुए। इस अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वानरों द्वारा किये गये रावण की लंका तक पहुंचने के लिए पुल निर्माण में गिलहरियों के भी योगदान का प्रसंग सुनाया। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार गिलहरियों ने पुल निर्माण में योगदान दिया था, उसी प्रकार प्रत्येक देशवासी को राष्ट्र निर्माण में सहयोग करना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संक्षिप्त संबोधन में कहा कि विजयदशमी का पर्व मात्र मनोरंजन के रूप में नहीं मनाना चाहिए बल्कि उसे मकसद बनाना चाहिए जैसा कि प्रभु राम ने किया था। उन्होंने कहा कि एक नागरिक के नाते हमें भगवान राम से प्रेरणा लेकर समाज जीवन में रावण प्रवृत्ति का विनाश करने का संकल्प लेना चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि हजारों साल से हमारे उत्सव खेत-खलिहान, नदी-पर्वत, सांस्कृतिक परंपराओं और इतिहास से जुड़े हुए हैं लेकिन प्रभु राम की गाथाएं आज भी समाज जीवन को चेतना और प्रेरणा देती रहती हैं। आज नवरात्रि के पावन पर्व के बाद विजयादशमी के पर्व पर रावण दहन की परंपरा है। ये रावण दहन उस परंपरा का हिस्सा है लेकिन एक नागरिक के नाते समाज जीवन में रावण प्रवृत्ति का विनाश करने के लिए भी समाज में निरंतर जागरुकता के प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे उत्सव से केवल मनोरंजन नहीं कोई मकसद बनना चाहिए। ऐसे उत्सवों से कुछ कर गुजरने का संकल्प लेना चाहिए। मोदी ने कहा कि कोई कल्पना कर सकता है कि अयोध्या से गहने और वस्त्र पहन कर वन को निकले प्रभु राम ने पूरे रास्ते चलते-चलते संगठन शक्ति का इतना बड़ा कौशल बता दिया कि उनकी विजय में समाज के हर तबके का व्यक्ति जुड़ गया। इसमें नर भी जुड़े, वानर भी जुड़े और प्रकृति ने भी उनका साथ दिया। उन्होंने कहा कि लोक संग्रह की कितनी बड़ी अद्भुत शक्ति होगी तब प्रभु रामचंद ने इतने बड़े सामर्थ्य को अपने साथ जोड़ा होगा और विजय प्राप्त करने के बाद भी उसी नम्रता के साथ जन समाज को अपने आप को आहूत करने में लगे रहे। प्रधानमंत्री ने देशवासियों का आह्वान करते हुए कहा कि ऐसे विजयदशमी के पावन पर्व के अवसर पर हम भी संकल्प करें कि 2022 जब देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनाएगा। हम भी कोई संकल्प लें और 2022 तक एक नागरिक के नाते देश को कुछ न कुछ सकारात्मक योगदान दें। उन्होंने कहा कि हम आजादी के 75 साल को महापुरुषों ने जिन शत्रुओं से स्वतंत्रता दिलाई उनके अनुरूप बना पाएंगे। इसीलिए प्रभु राम की तरह हम भी कोई संकल्प लेकर के चलें। रामलीला स्थल पर मोदी, मनमोहन सिंह और उपराष्ट्रपति की पत्नी ने भगवान राम, लक्ष्मण और हनुमान रूपी कलाकारों का तिलक किया और आरती उतारी। रामलीला कमेटी ने इन सभी विशिष्ट व्यक्तियों को स्मृति चिन्ह भेंट किये। इन सभी ने अहंकार के प्रतीक रावण के मारने का लीला मंचन और रावण, मेघनाथ और कुंभकरण के पुतलों का दहन भी देखा। लीला कमेटी के पदाधिकारियों ने राष्ट्रपति को त्रिशूल भेंट किया। प्रधानमंत्री मोदी ने परंपरागत ढंग से धनुष से बाण चलाकर रावण दहन किया। इस अवसर पर केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल, भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।