नई दिल्ली, (हि.स.)। वैश्विक वन्य जीवन कार्यक्रम सम्मेलन दो अक्टूबर को गांधी जयंती के दिन यहां आयोजित किया जा रहा है, जिसमें भारत को मिलाकर दुनिया के 19 देशों के विशेषज्ञ, अधिकारी और वन्यजीव संरक्षण से जुड़े कार्यकर्ता भाग लेंगे।
इस दौरान वन्यजीवन से जुड़े गैरकानूनी व्यापार, जानकारी आदान-प्रदान और समन्वय, वन्य जीव प्रबंधन, रोजगार सृजन, पर्यटन के नए आयाम तलाशने, प्रशासन को बेहतर करने जैसे विषय पर चर्चा होगी। विश्व वन्य जीव कार्यक्रम कांफ्रेस 2017 भारत सरकार विश्व बैंक और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम मिलकर आयोजित कर रहा है। कार्यक्रम की जानकारी देते हुए पर्यावरण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि इस वर्ष की कांफ्रेंस का थीम पीयुप्ल पार्टिसीपेशन इन वाइल्ड लाइफ कंजरवेशन’ (लोगों की वन्यजीव संरक्षण में भागीदारी) है। यह इस तरह की पांचवीं कॉन्फ्रेंस है।
इससे पहले, ग्लैंड (स्वीटजरलैंड), हनोई (वेतनाम), नैरोबी (कैन्या) और लिबरेवाइल (गाबन) में आयोजित की गई थी। भारत के अलावा, इसमें 18 देशों के अधिकारी जिसमें अफगानिस्तान, बोत्सवाना, कैमरुन, इथोपिया, गैबॉन, इंडोनेशिया, कैन्या, मलावी, माली, मोजाम्बिक, फिलीपींस, रिपब्लिक ऑफ कांगो, दक्षिण अफ्रीका, तंजानिया, थीईलैंड, वियतनाम, जाम्बिया, जिम्बाबे जैसे देशों के अलावा विश्व बैंक, यूएनडीपी, यूएनईपी, आईयूएनसी शामिल हैं। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय स्तर के वन्यजीव विशेषज्ञ, शीर्ष प्रयोगकर्ता, सरकारी प्रतिनिधी भारत के वन्य एवं संरक्षण क्षेत्र से जुड़े अधिकारी, पर्यावरण से जुड़े कोर्पोरेट एसोसिएट, सिविल सोसाइटी संस्थान और स्कूली बच्चे भाग लेंगे।