नई दिल्ली, (हि.स.)। केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा पुनरोद्धार राज्यमंत्री सत्यपाल सिंह ने गुरुवार को यहां एक बैठक में अधिकारियों से गंगा नदी को फिर से जीवंत करने के लिए नवीनतम भू-स्थानिक तकनीकों का उपयोग करने को कहा है।
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग सेंटर (एनआरएससी) और सर्वे ऑफ इंडिया के अधिकारियों के साथ बैठक में उन्होंने एकीकृत तरीके से काम करने की सलाह देते हुए कहा कि गंगा को साफ करने के लिए सभी उपयुक्त कदम उठाये जाने चाहिये और समयबद्ध तरीके से उनका क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाना चाहिये ।
स्वच्छ गंगा के लिए राष्ट्रीय मिशन के लिए भू-स्थानिक तकनीकी के उपयोग संबंधित पर विस्तृत प्रस्तुति दी गई। इसके अलावा स्वच्छ गंगा मिशन से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई।
इस दौरान सत्यपाल सिंह ने अधिकारियों से पानी की गुणवत्ता की निगरानी संबंधित एक एप्पीलिकेशन लाने और लोगों को वितरित करने के लिए एक पानी परीक्षण किट के विकास की दिशा में काम करने को कहा।
उन्होंने जितना संभव हो उतने लोगों को स्वच्छ गंगा आंदोलन से जोड़ने की सलाह देते हुए कहा कि इस बात की पुष्टि की कि भौगोलिक-स्थानिक और क्राउड आउटसोर्सिंग तकनीकों जैसे भुवन गंगा ऐप का बड़े पैमाने पर प्रभावी ढंग से इस्तेमाल किया जाना चाहिए ।
सत्यपाल सिंह ने कहा, ‘‘हमें उन लोगों को प्रोत्साहित करना चाहिए जो स्वच्छ गंगा आंदोलन का हिस्सा बनने के लिए तैयार हैं और इस क्षेत्र में अनुकरणीय कार्य कर रहे लोगों को प्रोत्साहन देना चाहिए।’’
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग सेंटर (एनआरएससी) ने जल गुणवत्ता की निगरानी, जल विज्ञान की निगरानी व मूल्यांकन, भू-आकृति विज्ञान की निगरानी व मूल्यांकन, जैव-संसाधन निगरानी व मूल्यांकन, व्यापक भू-स्थानिक के लिए भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी के उपयोग करने के लिए एनएमसीजी की मदद के लिए तैयार है।