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दुनिया ने माना, भारत के आपदा प्रबंधन का लोहा : राजनाथ
By Deshwani | Publish Date: 28/9/2017 2:56:48 PM
दुनिया ने माना, भारत के आपदा प्रबंधन का लोहा : राजनाथ

नई दिल्ली, 28 सितम्बर (हि.स.)। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने अपने छोटे समय मात्र 13 वर्ष में कामयाबी का लंबा फासला तय किया है। एनडीएमए न केवल भारत बल्कि विश्व स्तर पर अपना लोहा मनवाया है। एनडीएमए ने आपदा नियंत्रण में काफी सफलता हासिल की है। राजनाथ सिंह ने किर्गिस्तान में हाल में आयोजित आठ देशों के शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक का अनुभव साझा करते हुए कहा, 'विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों ने भारत के आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की व्यवस्था से प्रभावित थे। इससे मुझे बेहद खुशी हुई। एनडीएमए अच्छी तरह से अपना कार्य कर रहा है जिससे प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान में काफी कमी आई है।' राजनाथ सिंह ने यह बात गुरुवार को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के 13वें स्थापना दिवस समारोह को सम्बोधित करते हुए कही। 
राजनाथ ने कहा, 'जब मैं संघाई के लिए निकल रहा था तब मेरे मन में एक बात थी कि एससीओ के सदस्य देश हैं चीन, कजाकिस्तान, किर्गीज गणराज्य, रूस, तजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान और पाकिस्तान। किन्हीं देशों में मतभेद हो सकते हैं लेकिन मानवता से जुड़े मुद्दों पर भारत, विश्व के साथ खड़ा है। जिन देशों पर आशंका व्यक्त की जा रही थी वो भी साथ आये। वहां जाकर यह लगा कि संकट विशेष, मानवता पर विश्व एक साथ खड़ा है।' गृहमंत्री ने कहा कि मैंने भारत की तरफ से वहां एक प्रस्ताव रखा| भूकम्प जैसी आपदा पर एक कार्यक्रम यहां आयोजित करें तो सभी देशों ने एक स्वर में इस पहल का स्वागत किया। हम अपनी आपदा प्रबंधन के कार्य कर दुनिया के दूसरे देशों को भी अपने करीब ला रहे हैं। यह मानते हैं कि देशों में सरहदों की सीमाएं हैं लेकिन कुदरत के लिए कोई सीमा नहीं है, न सरहद है, उससे सभी प्रभावित होते है। अगर बंगाल की खाड़ी में कोई आपदा आती है तो उसका नुकसान भारत के साथ बांग्लादेश को भी होगा। आपदा प्रबंधन में सरहदों के अंदर के साथ उसके बाहर भी समझदारी दिखाने की आवश्यकता है। इसका एक उदाहरण विश्व ने वर्ष 2014 में नेपाल में भूकम्प के दौरान भारत ने जो भूमिका निभाई उसमे देखा। इसकी विश्व के प्रतिनिधियों ने सराहना की है।' राजनाथ ने कहा, 'मैं पिछले वर्ष जापान गया था, जापान में भी भूकम्प के दौरान भारत ने एनडीआरएफ की टीम भेजी थी| इसकी जापान के प्रतिनिधियों ने मेरे दौरे के दौरान प्रशंसा की। आपदा से होने वाले नुकसान में उल्लेखनीय रूप से भारत में कमी आई है।
छात्र भी दे सकते हैं नवीन विचार
राजनाथ सिंह ने कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि एनडीएमए ने आज विद्यालय के छात्रों को इस मुहिम में शामिल कर एक बेहतरीन कार्य किया है आगे चलकर यह बच्चे ही एनडीएमए को नई-नई राह दिखाएंगे। इस वर्ष एनडीएमए ने ‘स्कूल सुरक्षा’ को मुख्यता शामिल कर आपदा प्रबंधन में एक नया प्रयास किया है। राजनाथ ने कहा इस मुहिम से देश के स्कूलों में जोखिम झेलने की क्षमता को सुदृढ़ बनाने में सहयोग मिलेगा। उन्होंने कहा, 'एनडीएमए राष्ट्रीय सुरक्षा कार्यक्रम के तहत इस को देश के सभी विद्यालयों में सुचारु रूप से लागू करवाने की आवश्यकता है। हालांकि अभी मंच पर चर्चा के दौरान यह बात आई कि आजकल बच्चों पर पढ़ाई का बोझ पहले ही ज्यादा है इससे पढ़ाई में बाधा भी आ सकती है लेकिन अगर इसमें रुचि लेने वाले बच्चे इसमें शामिल हो सकते हैं। आगे चलकर यही बच्चे आपदा प्रबंधन में नई तकनीक और नए विचार एनडीएमए को दे सकते हैं जिससे प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान को काफी हद तक कम किया जायेगा।
बाढ़ आपदा प्रबंधन के लिए कूटनीतिक प्रयास जरूरी
राजनाथ सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने चक्रवात तूफान से निपटने के लिए बेहतर प्रक्रिया बनाई है लेकिन इसको अभी और बेहतर बनाने की आवश्यकता है। राजनाथ ने कहा, 'बाढ़ की आपदा का दुनिया के कई देश खामियाजा भुगत रहे हैं| भारत में भी हर वर्ष इसके नुकसान देश के विभिन्न हिस्सों में देखने को मिलते हैं। हालाँकि एनडीएमए इस आपदा के नियंत्रण के लिए विस्तृत योजना बना रहे हैं लेकिन इसके लिए कूटनीतिक प्रयास भी होने चाहिए जिससे इस आपदा का बेहतर तरीके से सामना किया जा सके।' राजनाथ ने कहा, 'वर्तमान में नदियों के पड़ोसी देशों के साथ हाइड्रोलॉजिकल डाटा शेयर नहीं करते हैं, जिसके चलते बाढ़ आपदा में पर्याप्त बचाव नहीं हो पाता है। इस पर एक कूटनीतिक प्रयास हम सबको मिलकर करना चाहिए जिससे बाढ़ जैसी आपदाओं में नियंत्रण हो। अक्टूबर में आपदा प्रबंधन पर यहां आयोजित कार्यक्रम में उम्मीद है इस पर सभी देश मिलकर आवश्यक फैसला लेंगे।' गृहमंत्री ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि भविष्य में भी एनडीएमए आपदा नियंत्रण के लिए नए-नए रास्ते अपनाएगा जिससे देश में आपदाओं से होने वाले नुकसान को न के बराबर किया जा सके और लोगों के जीवन का नुकसान न हो।
सतत विकास के लिए आपदा प्रबंधन बेहद आवश्यक 
इस अवसर पर केंद्रीय गृह सचिव राजीव गाबा ने एनडीएमए को 13 वें स्थापना दिवस की बधाई देते हुए कहा कि आज हमारे लिए गर्व का दिन है कि हम 13 वां स्थापना दिवस मना रहे हैं। हमने अभी तक आपदा नियंत्रण के लिए क्या-क्या किया और भविष्य में क्या करेंगे इसपर गहन विचार करेंगे। अभी भी हमे कई हिस्सों में कार्य करने की आवश्यकता है। राजीव गाबा ने कहा कि देश के एक सतत विकास के लिए आपदा प्रबंधन बेहद ही आवश्यक है। इस क्षेत्र में एनडीएमए को काफी कार्य करने की आवश्यकता है। भारत की भौगोलिक दृष्टि से यह और ज्यादा महत्वपूर्ण है। देश के विभिन्न क्षेत्र आये दिन प्राकृतिक आपदाओं के चलते प्रभावित होते हैं। हमको उन सबको रोकना है और होने वाले नुकसान में कमी लानी है। इसके लिए एनडीएमए को राज्यों के साथ मिलकर संयुक्त रूप से आपदा प्रबंधन पर कार्य करना पड़ेगा।
स्थापना दिवस समारोह के मौके पर राजनाथ सिंह और गृह सचिव राजीव गाबा, एनडीएमए सदस्य आर के जैन, मानव संसाधन विभाग सचिव अनिल स्वरूप ने संयुक्त रूप से बोट सुरक्षा तथा सांस्कृतिक विरासत स्थल सुरक्षा पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन दिशा-निर्देश और 2015 की चेन्नई बाढ़ पर अध्ययन रिपोर्ट जारी की। इस दिशा-निर्देश का उद्देश्य देश के स्कूलों में जोखिम झेलने की क्षमता को सुदृढ़ बनाना है। 
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