नई दिल्ली, (हि.स.)। केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा है कि देश को विकसित करने के लिए कृषि और किसान, दोनों को विकसित करने की जरूरत है। देश में कृषि विकास का लक्ष्य’ 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करना है पर सीमित संसाधनों और जमीन के निश्चित क्षेत्र की उपलब्धता के रहते प्रोदोयोगिकी की सहायता के बिना हासिल नहीं किया जा सकता। साथ ही इसे कम लागत, किसान के अनुकूल एवं मापनीय होने की जरूरत है।
श्री सिंह ने यह बात बुधवार को कृषि भवन में स्टार्ट अप कंपनियों के सीईओ के साथ हुई बैठक में कही। उन्होंने कहा कि कृषि मंत्रालय किसानों के हित कई योजनाएं चला रहा है जैसे कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, राष्ट्रीय कृषि बाजार- (ई – नेम), परंपरागत कृषि विकास योजना, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना आदि। यह सभी योजनाएं किसानों को विभिन्न तरह की सहायता प्रदान कर रही है जैसे मृदा स्वास्थ्य कार्ड से मिट्टी के स्वास्थ्य को सुदृढ़ बनाने में मदद मिलेगी और उर्वरकों की लागत भी कम हो जाएगी। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत फसल की क्षति का आंकलन समय पर और सही रूप में करने की जरूरत है ताकि किसानों को जल्द से जल्द और सटीक बीमा दावा समाघान के जरिए उन्हें लाभ पहुंचाया जा सके।
राधा मोहन सिंह ने कहा कि किसानों के अनुकूल मंत्रालय के विभिन्न कार्यक्रमों के लिए आवश्यक विभिन्न प्रौद्योगिकी जैसे सेंसर प्रौद्योगिकी, बिग डेटा एनालिटिक्स, क्लाउड कंप्यूटिंग, एप डेवलपमेंट, जीआईएस आधारित पोर्टल का विकास, विभिन्न कृषि आंकलन के लिए कम लागत वाले उपकरण शामिल हैं। मंत्रालय इन विभिन्न प्रकार की प्रौद्योगिकियों और उनके विकास को बढ़ावा देगा जो किसानों के कल्याण के लिए अंतत: इस्तेमाल किया जा सकता है।
केन्द्रीय कृषि मंत्री ने इस संबंध में विभाग में एक और ग्रुप गठन करने के लिए कहा जिससे इन सभी स्टार्ट अप योजनाओं के साथ आगे कार्य किया जा सके।