नई दिल्ली, (हि.स.)। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर यहां आयोजित एक समारोह में राष्ट्रीय पर्यटन पुरस्कार प्रदान किये। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि पर्यटन विश्व के सबसे बड़े उद्योगों में से है।
बुधवार को यहां आयोजित एक समारोह में राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय पर्यटन पुरस्कार प्रदान करते हुए पर्यटन के क्षेत्र को सबसे बड़ा उद्योगों में से एक बताया। उन्होंने कहा कि इसके विकास का अनुमान इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि दुनियाभर में पर्यटकों की संख्या 1950 में 2.5 करोड़ थी जो 2016 में बढ़कर 123 करोड़ हो गई। विश्व के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में पर्यटन उद्योग का 10.2 प्रतिशत का योगदान है। उन्होंने कहा कि यह एक अनुमान है कि दुनिया में प्रत्येक दसवां व्यक्ति पर्यटन उद्योग में कार्य करता है।
कोविंद ने कहा कि भारत में भी बड़ी संख्या में लोगों की आजीविका पर्यटन उद्योग से जुड़ी हुई है। वर्ष 2016 में सकल घरेलू उत्पाद में पर्यटन का 9.6 प्रतिशत और कुल रोजगार में 9.3 प्रतिशत योगदान था। पर्यटन उद्योग स्थायी रोजगार के अवसर पैदा करने और गरीबी दूर करने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है। एक आकलन के अनुसार, पर्यटन उद्योग में 10 लाख रुपये का निवेश कर लगभग 90 लोगों को रोजगार प्रदान किया जा सकता है, जबकि कृषि क्षेत्र में लगभग 45 लोगों और विनिर्माण क्षेत्र में लगभग 13 लोगों के लिये रोजगार उपलब्ध होता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि समावेशी पर्यटन विकास से समेकित आर्थिक विकास को सुदृढ़ किया जा सकता है। प्रत्येक नागरिक को अपने स्तर पर पर्यटकों को अच्छा अनुभव प्रदान करने का प्रयास करना चाहिए। पर्यटन के प्रति जागरूक समाज में सरकार की भूमिका केवल दिशा और सुविधाजनक वातावरण प्रदान करने की है।
राष्ट्रपति ने कहा कि पर्यटन मंत्रालय के सहयोग से संस्कृति मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा आज शुरू की गयी ‘एक विरासत परियोजना को अपनाने’ से हमारे समृद्ध और विविध विरासत स्मारकों को पर्यटक-अनुकूल बनाने की भरपूर संभावनाएं हैं।