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हनीप्रीत को नहीं मिली हाईकोर्ट से राहत, अग्रिम जमानत अर्जी खारिज
By Deshwani | Publish Date: 26/9/2017 8:54:20 PM
हनीप्रीत को नहीं मिली हाईकोर्ट से राहत, अग्रिम जमानत अर्जी खारिज

 नई दिल्ली, (हि.स.) । दिल्ली हाईकोर्ट ने रेप के आरोप में जेल में बंद राम रहीम की सहयोगी हनीप्रीत की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है। शाम करीब 7 बजकर पचास मिनट पर जस्टिस संगीता ढींगरा सहगल की बेंच ने ये फैसला सुनाया। कोर्ट ने हनीप्रीत को सरेंडर करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि वो अपनी जमानत के लिए पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का रुख करे। दिल्ली हाईकोर्ट में इस याचिका का अधिकार क्षेत्र नहीं बनता है। कोर्ट ने कहा कि वो वो अपनी गिरफ्तारी से बचती रही है। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता अर्जी दायर कर केवल समय जाया कर रही है। ये गिरफ्तारी से बचने के लिए केवल टाइम पास कर रही है।

 

आज दोपहर सवा दो बजे से हनीप्रीत की अर्जी पर सुनवाई शुरु हुई। करीब सवा घंटे हनीप्रीत के वकील प्रदीप आर्य और हरियाणा पुलिस के वकीलों ने अपनी-अपनी दलीलें पेश की। जब साढ़े तीन बजे कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा तो पता चला कि चार बजे फैसला सुनाया जाएगा। चार बजे पता चला कि साढ़े छह बजे। साढ़े छह बजे पता चला कि साढ़े सात बजे फैसला सुनाया जाएगा। आखिरकार हाईकोर्ट ने शाम सात बजकर पचास मिनट पर फैसला सुनाया।

 

सुनवाई के दौरान जब हाईकोर्ट ने हनीप्रीत के वकील से पूछा कि क्या दिल्ली हाईकोर्ट को ये याचिका सुनने का अधिकार है। आपकी याचिका दिल्ली हाईकोर्ट के क्षेत्राधिकार में कैसे आती है। तब हनीप्रीत के वकील प्रदीप आर्य ने कहा कि उसका घर दिल्ली में है और उसे आशंका है कि उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। कोर्ट ने कहा कि अगर आपको डर है तो कोर्ट में सरेंडर कीजिए। अगर आप जांच के लिए तैयार हैं तो पुलिस की जांच में सहयोग कीजिए। तब हनीप्रीत के वकील ने कहा कि ठीक है, हम परसों से जांच ज्वायन करने को तैयार हैं। हनीप्रीत के वकील ने कोर्ट से कहा कि उसे बदनाम करने की साजिश की जा रही है। हरियाणा पुलिस ने हनीप्रीत की जमानत का विरोध करते हुए कहा कि उसने कोर्ट में सही जानकारी नहीं दी है। जो पता दिया है वो भी उसका नहीं है। पहले ए-9 दिया फिर ए-4 पता दिया।

 

हरियाणा पुलिस ने कहा कि जब हनीप्रीत दिल्ली में रहती ही नहीं है तो वो दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका कैसे लगा सकती है। उसकी याचिका खारिज की जानी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि आप अपनी याचिका पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में क्यों नहीं दाखिल कर रहे हैं। हनीप्रीत के वकील ने कहा कि हनीप्रीत दिल्ली में ही है। उसके खिलाफ कोई एफआईआर नहीं है।

 

सुबह जब हनीप्रीत के वकील प्रदीप आर्य ने इस मामले को कार्यकारी चीफ जस्टिस गीता मित्तल की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने मेंशन किया तो चीफ जस्टिस ने पूछा कि हनीप्रीत कहां है। वकील प्रदीप आर्य ने कहा कि हनीप्रीत की जान को खतरा है। चीफ जस्टिस ने फिर पूछा कि आप इतनी घबराहट में क्यों हैं। आपको गिरफ्तारी का डर क्यों है। तब वकील ने कहा कि हम जांच में सहयोग करना चाहते हैं। उसके बाद चीफ जस्टिस ने कहा कि आपकी अर्जी पर दो बजे सिंगल बेंच अलग से सुनवाई करेगी।

 

हनीप्रीत तनेजा के नाम से अर्जी दाखिल की गई थी। हनीप्रीत ने अपनी याचिका में कहा है कि उसे पंजाब और हरियाणा के ड्रग माफिया से जान को खतरा है। उसने अपनी याचिका में कहा है कि वो एक सिंगल वुमन है। वो जांच में सहयोग करना चाहती है ताकि वो अपनी स्थिति स्पष्ट कर सके। याचिका में हरियाणा पुलिस के इस दावे को गलत बताया गया है कि राम रहीम को दोषी ठहराये जाने के बाद हनीप्रीत ने हिंसा भड़काने में भूमिका निभाई।

 
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