नई दिल्ली, (हि.स.)। सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) पहली बार जवानों के साथ-साथ इस बार स्वर्ण स्पेन्सर (डॉग्स) खोजी कुत्ते को महानिदेशक की परेड में स्वर्ण पदक देने जा रही है। परेड 29 सितंबर को 48वीं वाहिनी जयनगर,सीमांत मुख्यालय,सशस्त्र सीमा बल, पटना के एसएसबी ट्रैकर श्वान स्पेन्सर (जर्मन शैफर्ड) को दिया जाएगा।
मार्च 2015 के दौरान पंजाब पुलिस अकादमी में आयोजित 58वें अखिल भारतीय पुलिस ड्यूटी मीट प्रतियोगिता के दौरान श्वान स्पेंसर ने स्वर्ण पदक जीता था। श्वान स्पेंसर ने बिहार पुलिस को पांच चोरियां और चार हत्याओं के मामले को सुलझाने में अपना योगदान दिया था। बल के लिए श्वान स्पेंसर अपनी उत्कृष्ट परिचालन सेवाएं प्रदर्शित कर रहा है।
एसएसबी में पहली बार महानिदेशक अर्चना रामासुंदरम ने बल के पशुओं, जिसमें श्वान, घोड़े, टट्टू और खच्चर शामिल हैं, के लिए महानिदेशक पदक की शुरुआत की है, जो बल की उम्मीदों के अनुरूप हैं। इन पशुओं में से कई ने अपने कर्तव्य, कौशल और समर्पण के श्रेष्ठ स्तर का प्रदर्शन किया है और बल के लिए उनकी लंबी समर्पित सेवा के दौरान जटिल अपराधों के मामलों का पता लगाने में मदद भी की है।
पदक किसके लिए
--महानिदेशक स्वर्ण पदक व सराहना प्रमाणपत्र जो उत्कृष्ट कार्य करने या ऑल इंडिया ड्यूटी / अखिल भारतीय अश्वारोही पुलिस मीत के दौरान स्वर्ण पदक जीतने के लिए।
--महानिदेशक विशेष सेवा पदक (मरणोपरांत) उन पशुओं के लिए जो परिचालन कार्य के दौरान अपनी जान गंवा देते हैं|- महानिदेशक रजत पदक एवं प्रशंसा प्रमाणपत्र परिचालन गतिविधियों के दौरान असाधारण योगदान के लिए एआईपीडीएम, अखिल भारतीय पुलिस अश्वारोही मीट के दौरान रजत पदक जीते।
कब से शुरू हुआ यह दस्ता
एसएसबी का श्वान दस्ता वर्ष 2004-05 में शुरू हुआ था और गृह मंत्रालय ने 329 श्वान दल को अधिकृत किया है। एसएसबी में 221 श्वान, विस्फोटक, माईन, नारकोटिक्स का पता लगाने तथा ट्रैकर श्वान शामिल हैं। इनमें जर्मन शैफर्ड (जीएसडी), लैब्राडोर रिट्रीएवर, कॉकर स्पैनियल और बेल्जियम शैफर्ड शामिल हैं।
एसएसबी के श्वान वर्ग ने गौरवपूर्ण व्यवहार से गर्व और अपरिहार्यता को बढ़ाया है| इसी तरह बल के पशु परिवहन कंपनियों के अन्य पशुओं ने भी अपने विशिष्ट कार्यों से बल का मान बढ़ाया है।