राष्ट्रीय
देवदासी परंपरा के खिलाफ एनएचआरसी का तमिलनाडु और आंध्र सरकार को नोटिस
By Deshwani | Publish Date: 26/9/2017 2:20:27 PMनई दिल्ली, (हि.स.)। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने देवदासी जैसी कई परंपराओं के तहत लड़कियों व महिलाओं के साथ कथित अमानवीय व्यवहार को लेकर तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है।
आयोग ने सोमवार को कहा कि तमिलनाडु के तिरूवलूर ज़िले और आसपास की जगहों में लड़कियों और महिलाओं को देवी मातम्मा के मंदिरों में ले जाया जाता है। आयोग ने इस परंपरा के जारी रहने संबंधी शिकायतों और मीडिया रिपोर्ट के अधार पर मामले में स्वत: संज्ञान लिया है।
आयोग ने तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों व आंध्र प्रदेश के तिरूवलूर और चितूर के ज़िलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को भी नोटिस जारी कर चार सप्ताह में रिपोर्ट तलब की है।
आयोग ने कहा, ‘कथित रूप से परंपरा के तहत लड़कियों को दुल्हन की तरह सजाया जाता है और समारोह समाप्त होने के बाद उनके वस्त्रों को पांच लड़के हटाते हैं| वे निर्वस्त्र रह जाती हैं। उन्हें उनके परिवारों के साथ नहीं रहने दिया जाता और शिक्षा ग्रहण नहीं करने दिया जाता। उन्हें मातम्मा मंदिर में रहने के लिए मजबूर किया जाता है जहां उन्हें यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है।’
आयोग ने कहा कि यदि आरोप सही हैं तो ये मानवाधिकारों का उल्लंघन है। आयोग ने एक बयान में कहा कि यह कथित रूप से देवदासी प्रथा के एक अन्य रूप है जो कि अभी भी तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में प्रचलन में है।