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पेंसिल से रुकेगा बाल श्रम, यह सभ्य समाज के लिए अभिशाप : राजनाथ
By Deshwani | Publish Date: 26/9/2017 2:08:50 PM
पेंसिल से रुकेगा बाल श्रम, यह सभ्य समाज के लिए अभिशाप : राजनाथ

नई दिल्ली, (हि.स.)। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि बाल उन्मूलन में पेंसिल के माध्यम से इस बड़ी पहल के लिए श्रम रोजगार मंत्री सन्तोष गंगवार बधाई के पात्र हैं| उन्होंने कहा कि बच्चा देश का भविष्य होता है। सभ्य समाज के लिए बाल मजदूरी एक अभिशाप की तरह है। यह हमारा दुर्भाग्य है कि आजादी के 70 साल बाद भी हम बाल श्रम से देश को मुक्ति नहीं दिलवा पाए। हालांकि राजनाथ ने दावा किया कि अब हम संकल्प के माध्यम से इस बीमारी से देश को बाल श्रम से मुक्ति दिलवाएंगे। राजनाथ सिंह ने यह बात मंगलवार को श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा आयोजित बाल श्रम के राष्ट्रीय संगोष्ठी के दौरान कही। राजनाथ ने इस दौरान श्रम विभाग द्वारा बाल श्रम रोकने के लिए बनाये पेन्सिल पोर्टल को भी जारी किया। 

राजनाथ सिंह ने महात्मा गांधी के नारे का उल्लेख करते हुए कहा कि गांधी ने एक नारा दिया था 'करो या मरो' 1942 में और 5 वर्षों बाद 1947 में भारत आजाद हो गया । आज ठीक इसी प्रकार अगर 125 करोड़ भारतीय अगर संकल्प कर लें तो 2 से 3 साल में हम बाल श्रम से देश को मुक्त कर लेंगे। कोई भी बच्चा अगर अपने बचपन को सहज तरीके से जी नहीं जी पाता है तो यह बहुत गलत है। एक आंकड़े के अनुसार विश्व में 10 में से 1 बच्चा बाल मजदूर है। भारत सरकार ने अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए बाल श्रम से जुड़े कानून में भी संशोधन किए है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने इसके उन्मूलन के लिए बाकायदा संकल्प लिया है। राजनाथ ने पेंसिल पोर्टल के लिए सभी को बधाई दी। अब यह सुनिश्चित करना पड़ेगा कि इसका क्रियान्वयन व्यापक स्तर पर हो| इसके लिए सामाजिक जागरूकता भी लानी पड़ेगी। 

राजनाथ ने ऑपरेशन मुस्कान का जिक्र करते हुए बताया कि 1 वर्ष में 70 से 75 हजार बच्चों को बचाया है। पेंसिल पोर्टल को ब्लॉक स्तर पर एक अभियान चलाकर जागरूकता लानी चाहिए। राजनाथ ने धरातल पर क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकारों से आग्रह किया कि वो सभी इसमे सहयोग करे। राजनाथ सिंह ने नोबेल विजेता कैलाश सत्यार्थी से अपनी भारत यात्रा में भी पेंसिल पोर्टल के प्रचार करने का निवेदन किया जिससे लोगों में इसके प्रति जागरूकता आये। बाल श्रम का खामियाजा भारत को आर्थिक स्तर पर भी भुगतना पड़ता है। जब विदेश में भारत से बना कोई प्रोडक्ट जाता है और उन्हें जब यह जानकारी मिलती है कि इसमें बाल श्रम का उपयोग हुआ है तो वो उसको हमेशा के लिए रिजेक्ट कर देते हैं। 

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