राष्ट्रीय
नीति बनाने वाले अंग्रेजीदां लोगों को टोका
By Deshwani | Publish Date: 24/9/2017 5:41:42 PMनई दिल्ली, (हि.स.)। हिन्दी दिवस (14 सितंबर) के अवसर पर अनेक मंत्रियों नेताओं ने हिन्दी भाषा को बढ़ावा देने की वकालत की थी। लेकिन 10 दिन बाद ही वे शायद उसे भूल गए। लेकिन लोग उसे याद दिला रहे हैं। विज्ञान भवन में आयोजित पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्म शताब्दी के समापन समारोह हेतु आयोजित एक कार्यक्रम यह देखने को मिला। समारोह को नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ राजीव कुमार ने दीनदयाल के विचारों और भारतीय संस्कृति को अंग्रेजी में सम्बोधित कर रहे थे। उसी दौरान वहां मौजूद एक व्यक्ति ने राजीव कुमार से निवेदन करते हुए कहा, 'आज जब दीनदयाल उपाध्याय के विचारों और भारतीय संस्कृति को आप बता रहे हैं तो कृपया हिन्दी में बतायें तो ज्यादा अच्छा लगेगा।'
अचानक हुई इस टिप्पणी से राजीव कुमार कुछ देर के लिए असहज हुए, मगर फिर सम्भलते हुए उन्होंने माफ़ी मांग ली। उन्होंने अपना आगे का सम्बोधन हिन्दी में ही दिया। खास बात यह रही कि इसके बाद के सभी वक्ताओं ने अपना सम्बोधन हिन्दी में ही दिया। हालाँकि कार्यक्रम की शुरुआत में शनिवार को हुई गोष्ठी की जानकारी अंग्रेजी में ही दी गयी थी।
बुलेट ट्रेन का हिंदी अर्थ नहीं बता पाए जेटली
समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के लिए भी समारोह में असहज स्थिति पैदा हो गई। अपने सम्बोधन के दौरान जैसे ही उन्होंने बुलेट ट्रेन का जिक्र किया,दर्शक दीर्घा में से एक पत्रकार ने सवाल पूछ लिया, 'जेटली जी जरा बुलेट ट्रेन का मतलब हिन्दी में बता दीजिये।' हांलाकि जेटली ने इस सवाल का कोई जवाब नहीं दिया और अपना सम्बोधन जारी रखा।