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दीनदयाल ने 50 वर्ष पूर्व दिया एकात्म मानववाद का सिद्धांत: विनय सहस्त्रबुद्धे
By Deshwani | Publish Date: 24/9/2017 4:00:36 PM नई दिल्ली, (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी ऱाष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राज्यसभा सांसद विनय सहस्त्रबुद्धे ने रविवार को कहा कि दीनदयाल उपाध्याय ने आज से 50 वर्ष पहले एकात्म मानववाद का सिद्धांत दिया था और सतत विकास के विचार देश के समक्ष रखे थे। हालांकि उनको लागू करने में सरकारों की बहुत देर हुई। उन्होंने कहा अब एक्शन मोड में आने की आवश्यकता है। विनय सहस्त्रबुद्धे ने यह बाते रविवार को विज्ञान भवन में संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित दीनदयाल जन्म शताब्दी के कार्यक्रम के दौरान कही।
विनय सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि मुझे लगता है प्रकृति और मनुष्य का बहुत गहरा सम्बन्ध हमेशा से रहा है। दीनदयाल ने 50 वर्ष पहले एकात्म मानववाद का सिद्धांत रखा था और सतत विकास के विचार दिए। शनिवार को हुई संगोष्ठी में इसपर विस्तृत चर्चा हुई। अब सरकार को एक्शन प्लान पर आगे बढ़ने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जीवनशैली और पर्यावरण चिंताओं में अब समन्वय बनाने की आवश्यकता है। हमें इसके लिए सबके मन में एक सोच बनाने की आवश्यकता है। प्रकृति के बारे में उपभोगशून्य स्वामी भाव बनाने की आवश्यकता है। इसमें सरकार और देश के नागरिकों को पूर्णतः भागीदारी की आवश्यकता पड़ेगी। केंद्र सरकार ने संकल्प से सिद्धि में इसको भी शामिल किया है। उन्होंने कहा कि हमे व्यक्तिगत आचरण के लिए आचार संहिता की आवश्यकता है। यह क्रांति से नहीं उत्क्रांति से ही आगे बढ़ेगी।
वहीं कार्यक्रम को संगोष्ठी के बारे में बताते हुए डॉ सचिन ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय ने हमेशा सबको साथ लेकर चलने की बात कही। उनकी लड़ाई हमेशा गरीबी से लड़ने की रही। इस पर चार सत्रों में विस्तृत चर्चा हुई, जो जन्मेगा वो खायेगा, जो खायेगा वो कमाएगा इस विषय पर गहन मंथन हुआ। सांसद मीनाक्षी लेखी और नीति आयोग उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने अपने विचार इस विषय पर रखे। लेखी ने नोटबन्दी, जनधन योजना पर विस्तृत जानकारी दी।