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मुजफ्फरनगर में रेस्क्यू आपरेशन खत्म, रात 10 बजे तक रेल यातायात बहाल होने की उम्मीद
By Deshwani | Publish Date: 20/8/2017 3:02:01 PM
मुजफ्फरनगर में रेस्क्यू आपरेशन खत्म, रात 10 बजे तक रेल यातायात बहाल होने की उम्मीद

- अब तक 20 की मौत हो चुकी है और 92 लोग घायल हैं- मो. जमशेद, मेंबर ट्रैफिक, रेलवे बोर्ड
लखनऊ,  (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में शनिवार को कंलिग-उत्कल एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद एनडीआरएफ की टीम ने करीब 16 घंटे का रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। विभिन्न बोगियों में फंसे यात्रियों को बमुश्किल बाहर निकाला। रेलवे के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इस हादसे में 20 लोगों की मौत हुई है और 92 लोग घायल हुए हैं। अाज शाम छह बजे तक इस रूट की ट्रेनें या तो रद्द कर दी गई हैं या फिर परिवर्तित रूट से चलाई जा रही हैं। अधिकारियों का कहना है कि आज शाम तक मरम्मत कार्य खत्म हो जाएगा तथा रात 10 बजे इस रूट पर यातायात बहाल हो जाने की उम्मीद है। वहीं इस हादसे में घायलों का हाल चाल जानने के लिए विभिन्न दलों के नेताआें का आने का दौर भी शुरू हो गया है। प्रशासनिक अधिकारियों की मानें तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी घायलों का हाल जानने के लिए मुजफ्फरनगर पहुंच सकते हैं। 
मुजफ्फरनगर जिले के खतौली में हुए इस ताजा हादसे ने एक बार फिर रेलवे यात्रियों की सुरक्षा और संरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस हादसे के पीछे वजह क्या हो सकती है और कौन लोग हैं? इसकी जांच के लिए एटीएस व रेलवे विभाग के अधिकारी जुटे हुए हैं लेकिन जाे दुर्घटना हुई है, उसने लोगाें के रोंगटे खड़े कर दिए। हादसा देखकर डरे सहमे प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि ट्रेन तेज स्पीड में होने के चलते बेपटरी हुई और धड़धड़ाते हुए एक के ऊपर एक बोगी चढ़ती चली गईं। दो बोगी ज़मीन में घुस गईं तो एक सामने के मकान को चीरते हुए निकल गई। इस रेल हादसे में जो भी मरे हैं, उनके आंकड़े जुटाने के लिए भी प्रशासन को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। गृह विभाग से घायलों की जो लिस्ट जारी हुई है उससे इस घटना की भयावहता का अदांजा लगाया जा सकता है। घटना के बाद एनडीआरएफ द्वारा जो रेस्क्यू आपरेशन चलाया गया है, वो काबिले तारीफ है। तेज भिड़न्त में ट्रेनों की चिपकी बोगियों से घायल यात्रियों को सेना ने कड़ी मशक्कत के बाद निकाला। गैस कटर का उपयोग कर बोगियाें को कई टुकड़े में अलग-अलग किया गया, तब जाकर घायलों को निकाला गया। करीब 16 घंटे तक रेस्क्यू आपरेशन चलाया गया और 156 यात्रियों को निकालने में सेना सफल रही। रविवार को रेस्क्यू ऑपरेशन समाप्त कर दिया गया है और अब पटरी की मरम्मत का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। रेलवे के एडीजी वीके मौर्य ने बताया कि जो जानकारी अधिकारियों से प्राप्त हुई है, उससे यह कयास लगाया जा रहा है कि देरशाम तक मरम्मत कार्य समाप्त कर लिया जायेगा। रेलवे बोर्ड के मेंबर ट्रैफिक मोहम्मद जमशेद के अनुसार दुर्घटना स्थल पर करीब 200 मीटर पटरी क्षतिग्रस्त हुई है जिसकी आज शाम तक मरम्मत हो जाएगी। उन्होंने इस रूट पर आज रात 10 बजे तक ट्रेनों का परिचालन बहाल कर दिए जाने की उम्मीद जताई। 
रेल हादसे की जानकारी होते ही प्रदेश सरकार ने मामले का गंभीरता से लिया। स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट जारी करते हुए कई प्रशासनिक अधिकारियों को तत्काल घटनास्थल पर जाने को कहा गया। रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा, कैबिनेट मंत्री सतीश महाना व सुरेश राणा आदि नेता घटनास्थल पर पहुंचे और पीड़ितों को ढांढस बंधाया। उत्तर रेलवे के महप्रबंधक और कई अन्य रेलवे के आला अफसर भी मौके पर रात को ही पहुंच गए। प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार रविवार को घायलों का हालचाल जानने और दुर्घटनास्थल का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुजफ्फरनगर पहुंच सकते हैं। 
रेल हादसे में घायल होने के बाद यात्रियों को एम्बुलेंस, सरकारी से आनन-फानन में इलाज के लिए मेडिकल कालेज, सरकारी व गैरसरकारी अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टराें ने उनका इलाज भी बिना फार्म भराये ही शुरू कर दिया और वार्ड में शिफ्ट कराया। वहीं हादसे की जानकारी मिलने के बाद अपनों को तलाश करने के लिए देररात्रि से ही मृतकों और घायलों के परिजनों और रिश्तेदारों ने घटनास्थल और अस्पताल में पहुंचना शुरू कर दिया था। रविवार को भी कई परिवार अपनों को तलाश करते हुए अस्पतालों में पहुंचे। 
अस्पताल में घायलों को इलाज चल रहा है। अधिक रक्तस्राव होने के कारण कई घायलों को फौरन ब्लड की जरूरत पड़ गई है। पहले तो डाक्टरों मेडिकल कालेज, आसपास के ब्लड बैंकों से खून मंगवाये। जब खून की किल्लत होने लगी तो क्या मुस्लिम क्या सिख, ईसाई और हिन्दू, सभी ने एक स्वर में कहा कि डाक्टर साहब मेरा खून ले लीजिए। ब्लड डोनेशन करने वालों में होड़ लग गई। 
घटना की जैसे ही जानकारी हुई तो विभिन्न सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता घटनास्थल और अस्पतालों में पहुंचना शुरु कर दिया। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के लोग भी खाद्य सामग्री व लोगों के उपयोग में आने वाले चीजों को लेकर पहुंच गए। एनडीआरएफ के साथ कंधे से कंधा मिलाकर बोगी में फंसे घायलां को बाहर निकलवाया। तमाम सामाजिक संगठनों ने अस्पताल के बाहर घायलों यात्रियों व उनके परिजनों के लिए उपयोगी समान का स्टॉल लगाकर निः शुल्क वितरण किया। 
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