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वजूद तलाशती पार्टियों के सहारे विरासत बचाएंगे शरद यादव
By Deshwani | Publish Date: 17/8/2017 7:30:42 PM
वजूद तलाशती पार्टियों के सहारे विरासत बचाएंगे शरद यादव

 नई दिल्ली, (हि.स.)। राज्यसभा में पार्टी संसदीय दल के नेता पद से हटाए गए शरद यादव के नेतृत्व में गुरुवार को दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में ‘साझा विरासत बचाओ सम्मेलन’ में कई विपक्षी दल एकत्रित हुए।

दरअसल महागठबंधन टूटने के बाद जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव ने बागी तेवर अपना लिया है। बिहार के मुख्यमंत्री व पार्टी प्रमुख नीतीश कुमार की करीब बीस साल पुरानी दोस्ती पर पूर्णविराम लगने और मोर्चा खोलने के बाद यादव ने अपनी सियासी राह तलाश करने के लिए विपक्षी दलों को एकजुट करके साझी विरासत बचाओ सम्मेलन किया। लेकिन शरद जिन नेताओं और दलों के सहारे अपनी सियासी ताकत नापने चले हैं, उनकी सियासी जमीन पहले ही खिसक चुकी है। हालांकि नीतीश बनाम शरद की लड़ाई में कांग्रेस ने भरपूर हिस्सा लिया।
शरद यादव की जेडीयू ही असली जेडीयू : कांग्रेस
साझा विरासत में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, 'आरएसएस जानता है कि उनकी विचारधारा देश में चुनाव नहीं जीत सकती| इसके चलते वे लोग हर संस्थान में अपने लोगों को नियुक्त कर रहे हैं। संविधान में बकायदा लिखा है कि एक व्यक्ति एक वोट। जो अधिकार संविधान देता है उसको संघ नष्ट करना चाहता है। संघ द्वारा संविधान को बदलने के प्रयास किये जा रहे हैं। वित्त मंत्री जेटली एक तरफ कहते हैं कि उद्योगपतियों का कर्जा माफ़ करना हमारी नीति है लेकिन किसानों के मरने से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता।'
इस मौके पर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि शरद यादव के नेतृत्व वाली जेडीयू ही असली जेडीयू है| नीतीश वाली जेडीयू भाजपा की जेडीयू है। नीतीश का दावा सही नहीं है। आजाद ने कहा, ‘आज अंग्रेज नहीं हैं, लेकिन उनके समर्थक हैं जो भारत छोड़ो आंदोलन के समय में शामिल नहीं हुए थे।‘ आजाद ने कहा, ‘ये जो समय चल रहा है वो इमरजेंसी का बाप है। लोग सड़क पर भी बात करने से डर रहे हैं। इन्होंने टॉयलेट में भी जासूसी के लिए माइक्रोफोन लगाया हुआ है। उन्होंने शरद यादव को बधाई कि उन्होंने मंत्री बनने का प्रस्ताव ठुकरा दिया।
राज्यसभा में पार्टी संसदीय दल के नेता पद से हटाए गए शरद यादव ने गुरुवार को दिल्ली में ‘साझा विरासत बचाओ सम्मेलन’ का आयोजन किया। कार्य़क्रम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद अहमद पटेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर हमला करते हुए कहा, ‘सिर्फ दो लोग देश चला रहे हैं। पटेल के मुताबिक, कोई एजेंसी बाकी नहीं, जिसका दुरुपयोग नहीं किया गया।‘
हमारी जंग अंग्रेजों से नहीं, अब अपनों से है : फारुक अब्दुल्ला
कार्यक्रम में नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारुक अब्दुल्ला ने कहा, ‘पहले हमारी जंग अंग्रेजों से थी, लेकिन अब अपनों से है।’
अब्दुल्ला ने कहा, ‘मैं फख्र से कहता हूं कि मैं मुसलमान हूं| मैं एक हिंदुस्तानी मुसलमान हूं। ये लोग जोड़ने की बात करते हैं लेकिन तोड़ने का काम कर रहे हैं। एक पाकिस्तान बना दिया पर अब कितने पाकिस्तान बनाओगे। हम पर आरोप लगाते हैं कि हम वफादार नहीं हैं, पर सच ये है कि तुम लोग दिलदार नहीं हो। हम 1947 में आसानी से पाकिस्तान जा सकते थे लेकिन नहीं गए। मैं उस घाटी से आया हूं जहां पर लोगों को पाकिस्तानी कहा जाता है। हम पाकिस्तानी या अंग्रेजी मुसलमान नहीं हैं, हम एक हिंदुस्तानी मुसलमान हैं।‘
कार्य़क्रम का समापन करते हुए शरद यादव ने कहा, ‘बहुत बंटवारे हुए लेकिन ऐसा बंटवारा मैंने जीवन में नहीं देखा| साझा विरासत संविधान की आत्मा है| ऐसी बैठक का आयोजन अब देशभर में किया जाएगा। किसान और दलितों पर अत्याचार किया जा रहा है| किसान आत्महत्या कर रहे हैं।‘
इस मौके पर शरद यादव ने कहा, ‘लोगों को लग रहा था कि मैं खिसक न जाऊं, मंत्री न बन जाऊं। लेकिन मैंने आपके साथ रहने का फैसला किया| उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा कि जब हिंदुस्तान और विश्व की जनता एक साथ खड़ी हो जाती है तो कोई हिटलर भी नहीं जीत सकता।‘
साझी विरासत बचाओ सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए शरद यादव कहा कि कुछ लोग सामाजिक सौहार्द के माहौल को बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं| इसका सामाजिक समरसता चाहने वाले लोगों को अहिंसक तरीके से जवाब देना चाहिये। अहिंसा बहादुरों का हथियार है और विरोध के लिए इसका ही उपयोग किया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि संविधान में साझी विरासत की बात कही गई है और संविधान गीता, कुरान और बाइबिल जैसे धार्मिक ग्रंथों के समान है। यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि आस्था के नाम पर हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह अच्छी बात है लेकिन वह जो कहते हैं, वह जमीन पर नहीं दिखता है। जहां उनकी पार्टी भाजपा की सरकारें हैं, उन्हें भी यह संदेश दिया जाना चाहिए। शरद के सम्मेलन में माकपा, भाकपा, जद (एस),राष्ट्रीय लोक दल, एनसीपी,सपा समेत 17 दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया| शरद यादव ने मंच से कहा भी कि यहाँ डीएमके को छोड़कर सभी विपक्षी दलों के लोग मौजूद रहे| डीएमके भी इसलिए नहीं आया क्योंकि करुणानिधि की तबियत ज्यादा खराब हो गई है|
सम्मेलन टेंटेड-पेंटेड लोगों का जमावड़ा : जेडीयू
दूसरी ओर जेडीयू ने इस सम्मेलन टेंटेड-पेंटेड लोगों का जमावड़ा करार दिया है। जदयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि हम ऐसे किसी भी कार्यक्रम में हिस्सा नहीं ले सकते जिसमें टेंटेड-पेंटेड लोग शामिल हों।
उल्लेखनीय है कि जदयू के बागी नेता शरद यादव और अली अनवर 19 अगस्त को पटना पहुंचकर पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल होने की बजाय पटना में ही अपनी ताकत का प्रदर्शन करेंगे। रणनीति के अनुसार एक तरफ रविंद्र भवन में जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हो रही होगी तो दूसरी तरफ शरद अपने समर्थकों के साथ श्रीकृष्ण मेमोरियल हाल में जन सम्मेलन कर रहे होंगे।
दरअसल पार्टी ने शरद यादव से राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल होकर अपनी बातों को रखने और राजद की 27 अगस्त को होने वाली रैली से दूर रहने की हिदायत दी है लेकिन शरद ने पार्टी हाईकमान की हिदायत को सिरे से खारिज कर दिया है।
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