नई दिल्ली, (हि.स.)। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआईएम) ने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार के भाषण को डीडी पर भाषण प्रसारित नहीं किये जाने को इमरजेंसी करार दिया है।
सीपीआईएम महासचिव सीताराम येचुरी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार के भाषण को दूरदर्शन और आकाशवाणी पर प्रसारित नहीं करने को इमरजेंसी जैसा बताया है। इससे पहले, माणिक सरकार ने कथित रूप से आरोप लगाया था कि दूरदर्शन और आकाशवाणी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर उनके भाषण को प्रसारित करने से इंकार कर दिया था।
इस मामले में सीताराम येचुरी ने एक ट्वीट कर कहा कि दूरदर्शन भारतीय जनता पार्टी या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की निजी सम्पत्ति नहीं है। येचुरी ने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या ये एक तरह का 'अघोषित आपातकाल' है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक निर्वाचित मुख्यमंत्री की आवाज़ दबाने का भी आरोप लगाया है।
येचुरी ने केंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा कि दूरदर्शन, आरएसएस-भाजपा की निजी संपत्ति नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने लोगों को निर्देश दे रहे हैं कि विपक्ष की आवाज को दबा दिया जाए। वहीं, सीपीआईएम ने भी अपने ट्वीट में दूरदर्शन के इस कथित रवैये का ज़िक्र करते हुए सवाल उठाया था कि क्या यही संघवाद है जिसके बारे में प्रधानमंत्री मोदी बात करते हैं? पार्टी ने इसे 'शर्मनाक' भी बताया है।
अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से सीपीआई (एम) माकपा ने लिखा, ‘दूरदर्शन ने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार का भाषण प्रसारित करने से इंकार किया। क्या प्रधानमंत्री मोदी इसी सहयोगात्मक संघवाद की बात करते हैं? शर्म की बात है।’
येचुरी ने ट्वीट पर टैग करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए चैनल द्वारा सरकार का भाषण प्रसारित करने से मना करना ‘गैरकानूनी’करार दिया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘यह तानाशाही और अघोषित आपातकाल नहीं है तो क्या है? माकपा, त्रिपुरा की जनता और हमारे सभी नागरिक इससे लड़ेंगे।’ वहीं दूरदर्शन ने अपनी सफाई में सीपीआईएम के आरोपों को खारिज किया है।
गौरतबलब है कि त्रिपुरा सरकार की ओर से जारी बयान में आरोप लगाया गया कि दूरदर्शन और आकाशवाणी ने 12 अगस्त को सरकार का भाषण रिकॉर्ड कर लिया और सोमवार शाम 7 बजे मुख्यमंत्री कार्यालय को एक पत्र के जरिये सूचित किया गया कि उनके भाषण को जब तक नया रूप नहीं दिया जाता, तब तक इसे प्रसारित नहीं किया जाए।