राष्ट्रीय
पेंगोंग झील के पास भारत-चीन सेनाओं के बीच टकराव
By Deshwani | Publish Date: 16/8/2017 10:03:05 AMनई दिल्ली, (हि.स.)। पेंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर मंगलवार की सुबह भारत व चीन की सेनाएं टकरा गईं। गतिरोध आधा घंटा तक चला। घुसपैठ की कोशिश में नाकाम होते देख चीनी सैनिकों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। पत्थरबाजी में दोनों तरफ के सैनिकों को हल्की चोटें आई हैं। इसके बाद दोनों पक्ष वापस लौट गए।
बताया गया है कि पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिक दो इलाकों फिंगर फोर और फिंगर फाइव में सुबह छह से नौ के बीच भारत की सीमा में घुसने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन दोनों ही मौकों पर भारतीय जवानों ने उनकी कोशिश असफल कर दी। चीनी सैनिकों ने देखा कि उनकी कोशिश असफल हो गई है तो उन्होंने भारतीय सैनिकों पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया। इसके बाद भारतीय जवानों ने भी पत्थर फेंके। घटना के कुछ देर बाद स्थिति नियंत्रण में आई।
बता दें कि पेंगोंग झील हिमालय में है। इसकी ऊंचाई करीब 4500 मीटर है। यह 134 किमी लंबी है और भारत के लद्दाख से तिब्बत पहुंचती है। इस झील का करीब 60 फीसद हिस्सा चीन के कब्जे में है। तिब्बत की निर्वासित सरकार के नेता लोबसांग सांगे ने पेंगोंग झील के पास पांच जुलाई को तिब्बत का झंडा फहराया था।चीनी मीडिया ने उस समय इसका विरोध किया था। चीनी विदेश मंत्रालय का कहना था कि यह झील आधी भारत में है और आधी तिब्बत में। ऐसे में यहां 'तिब्बत की निर्वासित सरकार का झंडा' फहराया जाना सांगे का अपनी राजनीतिक पहचान स्थापित करने की कोशिश है।
डोकलाम विवाद में चीन भारत पर लगातार दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। इसके तहत अब वह लद्दाख क्षेत्र पर नजर गड़ाए हुए है। इस इलाके में चीनी फौज पुल बनाने की कोशिश में जुटी है। दरअसल, डोकलाम पर पिछले दो महीनों से बौखलाया चीन अब भारत को लद्दाख के रास्ते घेरने की कोशिश में है। डोकलाम में चीनी फौजें सड़क बनाकर विवादित इलाके की यथास्थिति से छेड़छाड़ करने की साजिश रच रही थीं। लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के पास भी चीनी फौजें ऐसी दादागीरी दिखाने पर उतर आई हैं। नो मैन्स लैंड यानी दोनों देशों के सरहद के बीच भी चीनी फौज अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रही।