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सुनवाई के दौरान भी चलता रहेगा अनुवाद का काम: सुप्रीम कोर्ट
By Deshwani | Publish Date: 11/8/2017 3:50:20 PMनई दिल्ली, (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मसले पर सुनवाई शुरू हो गई है। ऐसे में अपना पक्ष रखते हुए सुन्नी वक्फ बोर्ड और बाबरी कमेटी ने दस्तावेजों के अनुवाद का काम पूरा नहीं होने का हवाला देते हुए सुनवाई नहीं शुरू करने की बात कही। जिस पर जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच ने कहा कि अनुवाद का काम सात सालों में क्यों नहीं किया गया। बेंच ने कहा कि अनुवाद का काम सुनवाई के दौरान भी चलता रहे।
मामले की सुनवाई में याचिकाकर्ता द्वारा सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि हाईकोर्ट में 523 दस्तावेजों का परीक्षण हुआ था। वे दस्तावेज प्रतिवादियों द्वारा पेश किए गए थे, इसलिए उनका अनुवाद उनके द्वारा कराया जाना चाहिए। याचिकाकर्ता ने कहा कि हमें उनका अनुवाद कराने में चार महीने लगेंगे। तब सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख शब्दों में कहा कि आप सात सालों से क्या कर रहे थे। हम अनुवाद के काम पर नजर रखेंगे और उसके लिए पर्याप्त समय दिया जाएगा। कोर्ट ने कहा कि अनुवाद की औपचारिकता पूरी करने के लिए इसे वापस रजिस्ट्रार के पास नहीं भेजा जाएगा। सुनवाई के दौरान भी अनुवाद का काम चलता रहेगा।
साथ ही, बेंच ने कहा कि जो पक्षकार दस्तावेज पेश करेंगे, उन्हें अनुवाद भी देना होगा और अगर अनुवाद पर विवाद हुआ तो उसे विशेषज्ञ के पास भेजा जा सकता है। इस बीच, जब सुब्रमण्यम स्वामी ने एक बार उनकी अर्जी सुनने की अपील की तो सुप्रीम कोर्ट ने यह कहा कि सभी पक्षों को सुनने के बाद आपको भी मौका दिया जाएगा।