नई दिल्ली, (हि.स.)। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने विभिन्न योजनाओं के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने तथा विभिन्न प्रकार की अनियमितताओं में लिप्त पाए गए 17 एनजीओ को काली सूची में डाला दिया है। साथ ही अन्य 3 एनजीओ को आगे अनुदान जारी करने पर रोक लगा दी है।
यह जानकारी केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री विजय सांपला ने राज्यसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में दी। उन्होंने बताया कि आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, मध्यप्रदेश और तेलंगाना के तीन-तीन, असम, ओडिशा और उत्तर प्रदेश का एक, दिल्ली के दो एनजीओ को काली सूची में डाला गया है। इसके अलावा, हरियाणा के दो और ओडिशा के एक एनजीओ को आगे अनुदान जारी करना बंद कर दिया गया है।
सांपला ने बताया कि सरकार विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए देश में गैर-सरकारी संगठनों को वित्तीय अनुदान प्रदान करती है। उन्होंने बताया कि सरकार गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) को अनुसूचित जातियों, अन्य पिछड़ा वर्गों, वरिष्ठ नागरिकों, मद्यपान और नशीले पदार्थों के दुरुपयोग पीडितों तथा दिव्यांग व्यक्तियों के कल्याण के लिए योजनाएं कार्यान्वित करने के लिए सहायता अनुदान प्रदान करता है। मंत्रालय एनजीओ द्वारा निधियों का समुचित उपयोग सुनिश्चित करने के लिए सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अधिकारियों द्वारा एनजीओ का सर्वाधिक निरीक्षण, नई व उत्तरवर्ती अनुदान राशि पिछले वर्षों के अनुदान के संबंध में उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त होने पर ही जारी की जाती है। सरकार ने एक अप्रैल 2014 से एनजीओ से प्रस्तावों को प्राप्त करने तथा उन पर कार्रवाई करने के लिए केंद्रीयकृत ऑनलाइन पोर्टल की भी शुरुआत की है, मंत्रालय, निधियों के समुचित उपयोग की जांच करने के लिए अन्य बातों के साथ-साथ स्वतंत्र मूल्यांकन एजेंसियों के माध्यम से मूल्यांकन अध्ययन भी प्रायोजित करता है और संबंधित राज्य सरकारें व संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन भी एनजीओ के माध्यम से कार्यान्वित मंत्रालय की योजनाओं व कार्यक्रमों की निगरानी करते हैं।