नई दिल्ली, (हि.स.)। चीन ने न पकड़े जा सकने वाले कोड को अंतरिक्ष से धरती पर भेजकर ‘स्पेस टू ग्राउंड क्वांटम की डिस्ट्रीब्यूशन’ तकनीक का सफल परीक्षण किया है।
पिछले साल अगस्त में चीन ने विश्व का पहला क्वांटम सेटेलाइट अंतरिक्ष में भेजा था। चीन की आधिकारिक न्यूज एजेंसी के अनुसार इसे नेचर पत्रिका ने गुरुवार को छापा है जिसमें उसे एक बड़ी उपल्बधि करार दिया है।
सिन्हुआ ने चीनी एकेडमी ऑफ साइंसेज और प्रयोग से जुड़े प्रमुख वैज्ञानिक पैन जियानवी के हवाले से कहा है कि उपग्रह ने 645 किलोमीटर और 1200 किलोमीटर दूरदराज के बीच एक ऑप्टिकल फाइबर की तुलना में अधिक कुशलता के 20 आदेश तक ट्रांसमिशन दर पर चीन में ग्राउंड स्टेशनों पर क्वांटम चाबियां भेजी।
उन्होंने कहा कि उदाहरण के लिए, यह एक पूर्ण सुरक्षित फोन कॉल बनाने या बड़ी मात्रा में बैंक डेटा भेजने की मांग को पूरा कर सकता है। क्वांटम चैनल पर छिपकर हैक करने का कोई भी प्रयास सिस्टम में गड़बड़ी ला देता है। एक बार हस्तक्षेप होने पर कुंजी की क्वांटम स्थिति बदल जाती है और जो जानकारी प्राप्त हो रही है वह स्वयं नष्ट हो जाती है।
यह एक बड़ी उपलब्धि है जिसका सीधा मतलब यह है कि भविष्य की सभी जानकारी इसके माध्यम से भेजी जायेंगी जिसे कोई हैक नहीं कर सकता।
वर्तमान में एक जगह से जानकारी को दूसरी जगह भेजते समय जानकारी और उस जानकारी को कैसे हासिल किया जाये उसकी चाबी भेजी जाती है| हालांकि, इस बात का खतरा हमेशा बना रहता है कि इसे बीच में पकड़ लिया जाये। ऐसे में महत्वपूर्ण वित्तीय और सामरिक जानकारी का आदान-प्रदान पूरी तरह से सुरक्षित नहीं माना जा सकता। नई तकनीक जिसमें भौतिकी के क्वांटम इंटेंगलमेंट सिद्धांत का इस्तेमाल किया जाता है पूरी तरह से जानकारी भेजने का सुरक्षित तरीका प्रदान करता है ।