नई दिल्ली, (हि.स.)। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन सदन की कार्यवाही के दौरान अनुशासन का पूरा ख्याल रखती हैं। सत्तापक्ष या विपक्ष का कोई भी सदस्य अगर अनुशासन भंग करता है तो जहां वह फटकार लगाने से नहीं हिचकतीं, तो वहीं किसी सदस्य के अच्छे कार्य के लिए उसकी सराहना का अवसर भी वह नहीं चूकतीं। ऐसा ही नजारा लोकसभा में देखने को मिला। जब महाजन ने एक केंद्रीय मंत्री का नाम बदलने की बात कही तो एक अन्य मंत्री को उसके मंत्रालय से संबंधित विषयों की गहन जानकारी देख उनको जमकर सराहा।
लोकसभा में बुधवार को प्रश्नकाल की कार्यवाही के दौरान ऊर्जा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पीयूष गोयल अपने मंत्रालय से संबंधित प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। अलग-अलग सदस्यों के पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए गोयल कम शब्दों में ही बड़ी सहजता से सदस्यों को अपने जवाब से संतुष्ट कर रहे थे। बिना कोई कागज देखे जिस प्रकार वह आंकड़ों से लेकर योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट बयां कर रहे थे उससे सदस्य भी संतुष्ट नजर आ रहे थे। जब वह अपना जवाब खत्म कर अपनी सीट पर बैठे| इसी बीच आसन से लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि, अब आपका नाम बदलना होगा। उन्होंने कहा कि आपका नाम बदल कर प्रोफेसर पीयूष गोयल करना होगा। लोकसभा अध्यक्ष की इस टिप्पणी पर सदन में सभी सदस्य हंस पड़े ।
इससे पूर्व, कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी प्रश्नकाल के दौरान ही अपने मंत्रालय से संबंधित सवालों का जवाब दे रही थीं। राजद सांसद जय प्रकाश नारायण यादव ने उनसे एक पूरक प्रश्न कर बांका और भागलपुर में बुनकरों की समस्या और निदान के बारे में जानकारी चाही।
ईरानी ने यादव के पूरक प्रश्न का जवाब देते हुए बांका और भागलपुर के बुनकरों की समस्या और उसके निदान के बारे में सरकार की ओर से किए गए उपायों की जानकारी दी। इसके साथ ही उन बुनकरों की समस्या की वजह तथा सरकार की ओर से उठाए गए कदम के दूरगामी परिणामों के बारे में भी सदन को जानकारी दी।
स्मृति के जवाब से संतुष्ट लोकसभा अध्यक्ष ने उनकी सराहना करते हुए कहा कि, प्रश्न पूछने वाले सदस्य से ज्यादा आपने इस बारे में रिसर्च किया है और पूरी तैयारी के साथ इसका जवाब दिया है। इस पर ईरानी मुस्कुराने लगीं।