नई दिल्ली, (हि.स.)। एक तरफ जनता दल (यू) प्रमुख बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एनडीए का हिस्सा बन कर भाजपा से संबंध बेहतर करने में जुटे हैं तो दूसरी तरफ उन्हीं की पार्टी के वरिष्ठ नेता सदन में केंद्र की भाजपा सरकार पर हमलावर हैं। इसका उदाहरण आज राज्यसभा में देखने को मिला। जनता दल (यू) नेता राज्यसभा सांसद शरद यादव ने कहा कि इतिहास के साथ छेड़छाड़ होना कतई देश हित में नहीं है। राज्यसभा में बुधवार को भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ पर आयोजित विशेष सत्र में उन्होंने कहा, 'सच्चा इतिहास ही भविष्य का आधार तय करता है।'
शरद यादव ने कहा कि अगर आप इतिहास के आधार की एक ईंट के साथ भी छेड़छाड़ करते हैं, तो इस पर बनी पूरी इमारत ही ढह जाएगी। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि वर्तमान में हम इतिहास के साथ छेड़छाड़ की अनेक घटनाएं देख रहे हैं।
उन्होंने कहा, 'ऐसा माना जाता है कि अगर कोई देश या समुदाय अपने इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने की कोशिश करता है तो वह इससे मुसीबत में घिर जाता है। विविधतापूर्ण विचार लोकतंत्र का हिस्सा होते हैं।'
यादव ने कहा, 'अगर विचारों की विविधता ही नहीं है, तो इसे आप इसको लोकतंत्र कैसे कह सकते हैं? महात्मा गांधी ने स्वयं कहा था कि लोकतंत्र बातचीत से ही कायम होता है, गोलियों की से कदाचित नहीं।'
इस दौरान विपक्षी दलों के कई सांसदों ने शरद के बयान का समर्थन करते हुए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर देश के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास के साथ छेड़छाड़ करने और इतिहास की किताबें फिर से लिखने का आरोप लगाया।