राष्ट्रीय
शहीदों को श्रद्धांजलि सोच बदलने से ही दी जा सकती है: आजाद
By Deshwani | Publish Date: 9/8/2017 6:51:01 PMनई दिल्ली, (हि.स.)। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि केवल साफ मन और सोच बदलने से ही दी जा सकती है।
विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने बुधवार को भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ पर हुई चर्चा में भाग लेते हुए कहा, ‘आज खतरा हमारी सोच से है। सोच जब तक हम नहीं बदलेंगे तब तक इस आंदोलन के शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि नहीं दी जा सकती है।'
उन्होंने आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वर्ष 1857 में शुरू हुआ देश का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम आगे बढ़ता रहा और आजादी तक लाखों लोगों ने अपनी कुर्बानी दी। इस बीच वर्ष 1942 के इस आंदोलन ने स्वतंत्रता का मार्ग प्रशस्त किया।
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू के आह्वान पर शुरू हए इस आंदोलन के दौरान पूरे देश में एक भी दंगा नहीं हुआ और हिन्दू-मुस्लिम दोनों ये समझ गये थे कि मिलकर लड़ेंगे तभी आजादी हासिल कर सकेंगे।
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने भारत छोड़ो आंदोलन करने और करो या मरो का नारा दिया तथा इसके कुछ ही घंटे के भीतर सभी प्रमुख नेता गिरफ्तार हो गये। हालांकि कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी के नेताओं ने बाद में कमान संभाला और आंदोलन को दिशा दी।