नई दिल्ली, (हि.स.)। गुजरात में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए मंगलवार को हुए देर रात तक भाजपा और कांग्रेस के बीच उठापटक और करीब साढे 8 घंटे के हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद चुनाव आयोग ने फैसला सुना दिया है। इसबीच दो बार वोटों की गिनती रोकी गई।
गुजरात राज्यसभा से अहमद पटेल ने 44 वोटों से जीत दर्ज की। जीत के बाद अहमद पटेल ने ट्वीट कर कहा, ‘ये पैसे की ताकत के दुर्पयोग की ये हार है। सत्यमेंव जयते।’
वहीं स्मृति इरानी ने और अमित शाह ने भी 46-46 वोटों से जीत हासिल की है।
इससे पहले आखिरकार चुनाव आयोग ने कांग्रेस की लिखित शिकायत मानते हुए कांग्रेस के बागी विधायक भोला भाई और राघव पटेल का वोट रद्द किया है। चुनाव आयोग ने वीडियो रिकॉर्डिंग देखने के बाद क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों के वोट रद्द करने का फैसला किया।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने अपने दो विधायक भोला भाई गोहिल और राघव भाई पटेल का वोट कैंसिल करने की मांग इस आधार पर की थी कि दोनों ने अनाधिकृत रूप से राज्यसभा चुनाव के कैंडिडेट व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और निर्दलीय बलवंत सिंह राजपूत को दिखाकर वोट डाले।
आयोग के इस फैसले के बाद गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी ने कहा, 'अहमद पटेल जी ने चुनाव आयोग के निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने चुनाव आयोग का आभार प्रकट किया है। अमित शाह के बारे में सब जानते है कि गैर कानूनी तरीके से वो कार्य करते हैं पर गुजरात की धरती ने उनको यह इजाजत नही दी।'
कांग्रेस नेता अर्जुन मोढवाडिया ने कहा, 'चुनाव आयोग के रिटर्निग अधिकारी गांधीनगर में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के दबाव में कार्य कर रहे थे। हमारी शिकायत को जानबूझकर अनसुना किया ।
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरेजवाला ने आयोग के फैसले का स्वागत करते हुए कहा, 'यह लोकतंत्र की जीत है। भाजपा ने अपने सारे हथकंडे अपनाये मगर सत्य को पराजित नही कर सके। अहमद पटेल को राज्यसभा पहुंचने से नही रोक पाए ।'
दूसरी ओर गुजरात के उपमुख्यमंत्री नीतिन पटेल ने चुनाव आयोग के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि उक्त वीडियो रिकॉर्डिंग को सार्वजनिक किया जाए ताकि देश की जनता सच जान सके। हालांकि इस पूरे मामले पर नजर बनाए रखने के लिए भाजपा अध्यक्ष स्वयं काउंटिंग सेंटर तक मौजूद रहे। गिनती से पहले उन्होंने रिटर्निंग ऑफिसर से भी बात की।
वहीं पूरे घटनाक्रम पर अहमद पटेल ने कहा, ‘अब तक का सबसे मुश्किल चुनाव था इस जीत के बाद भाजपा को विधानसभा में सिखाएंगे सबक। ये सबसे मुश्किल चुनाव रहा। भाजपा ने मुझे हराने के लिए खरीद-फरोख्त की हरसंभव कोशिश की।‘
इससे पहले दोनों पार्टियां तीन-तीन बार आयोग पहुंचे। हालांकि सूत्रों का कहना है कि आयोग ने तीसरी बार दोनों पार्टियों के मंत्रिमंडल से मिलने से मना कर दिया। अरुण जेटली, निर्मला सीतारमण और रविशंकर प्रसाद समेत 06 केंद्रीय मंत्रियों ने चुनाव आयोग जाकर कांग्रेस की शिकायत को बेबुनियाद करार दिया।
वहीं कांग्रेस की ओर से आनंद शर्मा, रणदीप सिंह सुरजेवाला, गुलामनबी आजाद, पी चिंदबरम, आर पीएन सिंह ने चुनाव आयोग पहुंचकर विधायकों के वोट रद्द करने की मांगी की।
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, 'पूरी भारत सरकार अहमद पटेल को हराने में लगी है। यह लोकतंत्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'हमने चुनाव आयोग से काउंटिंग तुरंत शुरू करने का अनुरोध किया है। हमे चुनाव आयोग पर पूर्ण भरोसा है। कांग्रेस के आरोपों का कोई आधार नहीं है। कांग्रेस नियम 39 का गलत तर्क दे रही है।
एक घंटे के अंदर कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियों के दिग्गज नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने दो-दो बार चुनाव आयोग का चक्कर लगाया। घंटेभर में दूसरी बार चुनाव चुनाव आयोग से मुलाकात के बाद कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'भाजपा को इस तरह के ओछे हथकंडे अपनाना बंद करना चाहिए। उसके नेता अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं। देश के कानून मंत्री और अन्य केंद्रीय मंत्री ने खुद चुनाव आयोग आकर प्रभाव डालने की कोशिश की। वित्त मंत्री हों या कानून मंत्री नाजायज काम नहीं कर सकते। बापू की धरती पर हमेशा सत्य की जीत हुई है, इस बार भी सत्य ही जीतेगा।'
दूसरी तरफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा, 'हमने चुनाव आयोग को बताया कि वीडियो में साफ दिख रहा है कि दो कांग्रेस विधायकों ने अपने बैलट पेपर अनधिकृत व्यक्तियों को दिखाए। हमने चुनाव आयोग से वीडियो देखने की भी मांग की। हमने हरियाणा चुनाव का भी हवाला दिया है। हमने चुनाव आयोग से कहा कि वो निर्णय लें, संविधान के तहत ये चुनाव आयोग की ही जिम्मेदारी है।'
इससे पहले चुनाव आयोग से मुलाकात के बाद केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस सुबह से चुनाव करा रही है और हार देखकर वो विवाद खड़ा कर रही है। कांग्रेस को लग रहा है कि वो हार रही है, इसीलिए वो बेबुनियाद आरोप लगा रही है। उन्होंने कहा कि बैलेट पेपर बक्से मे बंद होने के बाद किसी जांच का कोई मतलब नहीं होता। हमने चुनाव आयोग से कहा है कि वो विवाद खड़ा करने के लिए कांग्रेस को मौका न दे। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस को लड़ना ही है, तो वो कोर्ट जाएं।
गौरतलब है कि इस चुनाव में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल की साख दांव पर लगी है। इन राज्यसभा सीटों के लिए 6.30 बजे नतीजे घोषित किए जाने थे, पर विवाद के चलते नतीजे घोषित नहीं किए जा सके हैं।
इस दौरान केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि वॉर्निंग देने के बाद रिटर्निंग अधिकारी वोट कैंसिल करके साइड रख देता है। कांग्रेस ने उस समय कोई शिकायत नहीं की। बाद में कांग्रेस विवाद खड़ा करने के इरादे से वोट खारिज करने की मांग कर रही है।
उन्होंने कहा कि साल 2002 से राज्यसभा चुनाव के लिए नियम बदले गए, जिसमें रिटर्निंग अधिकारी और इलेक्शन एजेंट को बताया जाता है कि वो किसे वोट कर रहा है। वो आर्टिकल 324 का दुरुपयोग करना चाहती है। अब इलेक्शन पिटिशन के अलावा कांग्रेस के पास कोई रास्ता नहीं है।