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गुजरात राज्यसभा चुनाव को प्रतिष्ठा का सवाल बनाया सत्तापक्ष-विपक्ष ने
By Deshwani | Publish Date: 8/8/2017 9:17:44 PM
गुजरात राज्यसभा चुनाव को प्रतिष्ठा का सवाल बनाया सत्तापक्ष-विपक्ष ने

नई दिल्ली,  (हि.स.)। देश में पहली बार राज्यसभा के चुनाव को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष ने इसको अपनी प्रतिष्ठा का सवाल बना दिया है। एक तरफ कांग्रेस चुनाव आयोग के समक्ष दो विधायकों के वोट को नियम 39 के तहत ख़ारिज करने की गुहार लगा रही है। दूसरी तरफ सत्ता पक्ष से केंद्र सरकार के आधा दर्जन मंत्री चुनाव आयोग से वोट नहीं ख़ारिज करने की बात कह रहे हैं। 

ताजा जानकारी के मुताबिक चुनाव आयोग ने गांधीनगर से भेजा गया वीडियो फुटेज देखा। फ़िलहाल वोटों की गिनती अभी प्रारम्भ नहीं हुई है। भाजपा और कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल एक के बाद एक लगातार आयोग का द्वार खटखटा रहे हैं। कांग्रेस प्रतिनिधि मंडल तीसरी बार आयोग पहुंचा है। प्रतिनिधि मंडल में रणदीप सुरेजवाला, आरपीएन सिंह शामिल हैं। 

कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, 'पूरी भारत सरकार अहमद पटेल को हराने में लगी है। यह लोकतंत्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। 

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'हमने चुनाव आयोग से काउंटिंग तुरंत शुरू करने का अनुरोध किया है। हमे चुनाव आयोग पर पूर्ण भरोसा है। कांग्रेस के आरोपों का कोई आधार नहीं है। कांग्रेस नियम 39 का गलत तर्क दे रही है। 

एक घंटे के अंदर कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियों के दिग्गज नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने दो-दो बार चुनाव आयोग का चक्कर लगाया। घंटेभर में दूसरी बार चुनाव चुनाव आयोग से मुलाकात के बाद कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'भाजपा को इस तरह के ओछे हथकंडे अपनाना बंद करना चाहिए। उसके नेता अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं। देश के कानून मंत्री और अन्य केंद्रीय मंत्री ने खुद चुनाव आयोग आकर प्रभाव डालने की कोशिश की। वित्त मंत्री हों या कानून मंत्री नाजायज काम नहीं कर सकते। बापू की धरती पर हमेशा सत्य की जीत हुई है, इस बार भी सत्य ही जीतेगा।' 

दूसरी तरफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा, 'हमने चुनाव आयोग को बताया कि वीडियो में साफ दिख रहा है कि दो कांग्रेस विधायकों ने अपने बैलट पेपर अनधिकृत व्यक्तियों को दिखाए। हमने चुनाव आयोग से वीडियो देखने की भी मांग की। हमने हरियाणा चुनाव का भी हवाला दिया है। हमने चुनाव आयोग से कहा कि वो निर्णय लें, संविधान के तहत ये चुनाव आयोग की ही जिम्मेदारी है।' 

इससे पहले चुनाव आयोग से मुलाकात के बाद केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस सुबह से चुनाव करा रही है और हार देखकर वो विवाद खड़ा कर रही है। कांग्रेस को लग रहा है कि वो हार रही है, इसीलिए वो बेबुनियाद आरोप लगा रही है। उन्होंने कहा कि बैलेट पेपर बक्से मे बंद होने के बाद किसी जांच का कोई मतलब नहीं होता। हमने चुनाव आयोग से कहा है कि वो विवाद खड़ा करने के लिए कांग्रेस को मौका न दे। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस को लड़ना ही है, तो वो कोर्ट जाएं। 

गौरतलब है कि इस चुनाव में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल की साख दांव पर लगी है। इन राज्यसभा सीटों के लिए 6.30 बजे नतीजे घोषित किए जाने थे, पर विवाद के चलते नतीजे घोषित नहीं किए जा सके हैं। 

इस दौरान केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि वॉर्निंग देने के बाद रिटर्निंग अधिकारी वोट कैंसिल करके साइड रख देता है। कांग्रेस ने उस समय कोई शिकायत नहीं की। बाद में कांग्रेस विवाद खड़ा करने के इरादे से वोट खारिज करने की मांग कर रही है। 

उन्होंने कहा कि साल 2002 से राज्यसभा चुनाव के लिए नियम बदले गए, जिसमें रिटर्निंग अधिकारी और इलेक्शन एजेंट को बताया जाता है कि वो किसे वोट कर रहा है। वो आर्टिकल 324 का दुरुपयोग करना चाहती है। अब इलेक्शन पिटिशन के अलावा कांग्रेस के पास कोई रास्ता नहीं है। 

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