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स्कूलों में योग को अनिवार्य करने की मांग संबंधी याचिका खारिज
By Deshwani | Publish Date: 8/8/2017 3:06:11 PM
स्कूलों में योग को अनिवार्य करने की मांग संबंधी याचिका खारिज

नई दिल्ली, (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने स्कूलों में योग को अनिवार्य करने की मांग करने वाली एक याचिका को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये कोर्ट का काम नहीं है कि वो ये तय करे कि स्कूलों में क्या पढ़ाया जाएगा और क्या नहीं। नीतियां बनाना उसका काम नहीं है। जस्टिस एमबी लोकुर की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि स्वास्थ्य मौलिक अधिकार है लेकिन हम ये सिलेबस तैयार नहीं कर सकते हैं। ये सरकार का काम है।
पिछले साल 29 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर पूछा था कि क्या कक्षा एक से कक्षा आठ तक योगा को अनिवार्य किया जाना चाहिए। 
बीजेपी प्रवक्ता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने याचिका में कहा था कि संविधान की धारा 21 के तहत स्वास्थ्य का अधिकार मौलिक अधिकारों की सूची में आता है। इसलिए हर व्यक्ति को स्वस्थ रहने का अधिकार है। राज्य का भी ये कर्तव्य है कि वो नागरिकों खासकर बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति खास ध्यान दें। 
 
याचिका में कहा गया था कि स्वास्थ्य का अधिकार योग और हेल्थ एजुकेशन दिए बिना संभव नहीं है। याचिका में कोर्ट से मांग की गई थी कि वो केंद्र सरकार को निर्देश दे कि वो राष्ट्रीय योग नीति बनाए। याचिका में एनसीईआरटी और सीबीएसई के कक्षा एक से कक्षा आठवीं तक की किताबों में योग और हेल्थ एजुकेशन से जुड़े टेक्स्टबुक मुहैया कराए जाएं। 
 
भाजपा नेता के मानहानि नोटिस पर फैसला 23 अगस्त को
नई दिल्ली, 08 अगस्त (हि.स.)। दिल्ली की तीसहजारी कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अऱविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता संजय सिंह के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी नेता अंकित भारद्वाज की मानहानि की शिकायत पर नोटिस भेजने के मसले पर 23 अगस्त को फैसला करेगी। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता अंकित भारद्वाज ने केजरीवाल के खिलाफ मानहानि की शिकायत की है।
 
पिछली सुनवाई के दौरान अंकित भारद्वाज के वकील योगेश स्वरूप ने कहा था कि पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा पर हमले के मामले में मीडिया में उनका नाम लेकर उनकी छवि खराब करने की कोशिश की गई। उन्होंने दलील दी थी कि उन्हें एक करोड़ रुपये के बराबर का नुकसान हुआ है लेकिन वे ये नहीं जानते हैं कि केजरीवाल और संजय सिंह के पास कितनी संपत्ति है इसलिए एक रुपये मुआवजे की मांग करते हैं।उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि उनके खिलाफ झूठे और मानहानि करने वाले बयान मीडिया में जारी कर जानबूझकर उनकी छवि को खराब करने की कोशिश की गई।
 
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