नई दिल्ली/गांधीनगर, (हि.स.)। राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति चुनाव के बाद एक अहम चुनाव तीन राज्यसभा सांसद के लिए आज मंगलवार को गुजरात के गांधीनगर में होगा। गुजरात राज्यसभा चुनाव देश के दोनों प्रमुख दलों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है। इस चुनाव में दोनों दलों के चाणक्य की भूमिका निभाने वाले प्रत्याशी मैदान में है। एक तरफ जहां भाजपा के मुखिया अध्यक्ष अमित शाह स्वयं मैदान में है, वहीं कांग्रेस के अहम रणनीतिकार अहमद पटेल मैदान में हैं। आकड़ों के अनुसार, दो सीट भाजपा और एक कांग्रेस की तय मानी जा रही थी, परन्तु अचानक हुई उठापटक ने अहमद पटेल की देश के उच्च सदन में पहुंचने की राह कठिन कर दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में जबरदस्त राजनीतिक गहमागहमी के बीच मंगलवार को मतदान होगा। मौजूदा विधानसभा में मरम्मत कार्य के कारण मतदान स्थल यहां सरकार के मुख्य प्रशासनिक परिसर 'स्वर्णिम संकुल-दो' में बनाया गया है। मतदान सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक होगा। मतगणना पांच बजे से होगी। इसके लिए सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। कांग्रेस के छह विधायकों के इस्तीफे के बाद 182 सदस्यीय विधानसभा में अब कुल 176 विधायक और इतने ही मतदाता हैं। यह चुनाव ओपन बैलेट और वरीयता प्रणाली से होगा।
यह चुनाव भाजपा की स्मृति ईरानी (केंद्रीय मंत्री) तथा दिलीप पंडया और कांग्रेस के अहमद पटेल के कार्यकाल पूरा होने के कारण हो रहे हैं। चुनाव में भाजपा की ओर से इसके अध्यक्ष अमित शाह तथा ईरानी और कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में आए बलवंतसिंह राजपूत तीन उम्मीदवार हैं, जबकि कांग्रेस के एकमात्र उम्मीदवार के तौर पर सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल मैदान में हैं, जो जीतने पर पांचवी बार संसद के उच्च सदन के सदस्य बन सकते हैं। 27 और 28 जुलाई को कांग्रेस के 57 में से 6 विधायकों के इस्तीफे के बाद इनमें से तीन भाजपा में शामिल हो गए थे, जिनमें से एक राजपूत भी हैं। इसके बाद कांग्रेस ने सत्तारूढ़ भाजपा पर हर तरह के दबाव के जरिए उसके विधायकों की खरीद-फरोख्त के प्रयास का आरोप लगाते हुए 44 विधायकों को बेंगलोर भेज दिया था।
हालांकि ये विधायक सोमवार सुबह गुजरात लौट आए और उन्हें आनंद के एक रिसार्ट में रखा गया। वे वहीं से एक साथ वोट देने के लिए मंगलवार को गांधीनगर पहुंचेंगे। कांग्रेस ने उनकी सुरक्षा की मांग की है। 176 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के एक बागी समेत 122, कांग्रेस के 51 (बागी शंकरसिंह वाघेला, जो भाजपा प्रत्याशी राजपूत के निकट रिश्तेदार हैं तथा उनके छह समर्थकों समेत) तथा राकांपा के दो और जदयू का एक विधायक है। शाह और ईरानी की जीत लगभग पक्की है। राजपूत तथा पटेल के बीच मुकाबला है। पटेल ने जीत के लिए जरूरी 45 का आंकड़ा होने का दावा किया है।
राकांपा के दो विधायकों के शुरू में पटेल का समर्थन करने के दावे के बाद अब इसको लेकर अनिश्चितता की स्थिति है। राकांपा के विधायक ने सोमवार को कहा कि पार्टी हाईकमान ने उन्हें भाजपा प्रत्याशी राजपूत को वोट करने का निर्देश दिया है। वहीं, गुजरात परिवर्तन पार्टी की टिकट पर चुने गए भाजपा (दल के विलय के चलते) के एक बागी नलिन कोटडिया के पटेल को समर्थन देने की संभावना है।
चुनाव में नोटा यानी उपरोक्त में से कोई नहीं का विकल्प होने से भी परिरोचक हो गया है। कांग्रेस ने पहले ही केवल पटेल को वोट देने तथा नोटा अथवा दूसरी, तीसरी वरियता का उपयोग नहीं करने के बारे में व्हिप जारी कर रखा है। जबकि भाजपा ने भी सोमवार को अपने विधायकों की बैठक के बाद उन्हें मतदान के दौरान मौजूद रहने और पार्टी के उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान के लिए व्हिप जारी किया है। शाह ने गुजरात में बकायदा चुनाव से एक दिन पहले सोमवार को विधायकों के साथ एक बैठक भी की, इसमें रणनीति तय की गई।