राष्ट्रीय
उपराष्ट्रपति पद की शपथ के बाद नायडू की चुनौतियां
By Deshwani | Publish Date: 6/8/2017 4:25:34 PM नई दिल्ली, (हि.स.)। उपराष्ट्रपति पद की शपथ के साथ ही वेंकैया नायडू के लंबे राजनीतिक और प्रशासनिक तजुर्बे को एक साथ कई कसौटियों पर खरा उतरना चुनौती होगी।
दरअसल नायडू को बतौर सभापति राज्यसभा के सुचारू संचालन की जिम्मेदारी भी निभानी होगी। ऐसे में विपक्ष की बहुमत वाली राज्यसभा में संतुलन बनाए रखने की होगी।
खास बात ये है कि सरकार अपने कार्यकाल के अंतिम साल में कई संवेदनशील विधेयकों को पास कराने की कोशिश करेगी। 2018 के मध्य से उच्च सदन में भाजपा की स्थिति मजबूत होने की संभावना है। नायडू मोदी सरकार में शहरी विकास मंत्री रह चुके हैं| ऐसे में राज्यसभा में विकास योजनाओं से जुड़े विपक्ष के सवालों को वह कितना मौका देते हैं, यह देखना भी अहम होगा।
नायडू आगामी शीतकालीन सत्र से राज्यसभा के संचालन की जिम्मेदारी निभाएंगे। 11 अगस्त को उपराष्ट्रपति पद की कुर्सी संभालने के एक दिन बाद ही संसद का मानसून सत्र समाप्त हो जाएगा। लेकिन शीतकालीन सत्र में पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कमीशन संशोधन जैसे संवेदनशील विधेयकों के मामले में वेंकैया की भूमिका अहम रहेगी।