नई दिल्ली, (हि.स.)। संसद के मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में गुरुवार को विदेश नीति पर चर्चा जारी है। चर्चा के दौरान विपक्ष ने चीन और पाकिस्तान के मुद्दे पर केंद्र की मोदी सरकार पर सवाल उठाए। वहीं पटलवार करते हुए भाजपा की विदेश नीति पर सवाल उठाने पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज जवाब दे रही हैं।
कांग्रेस सांसद और राज्यसभा में उपनेता आनंद शर्मा ने चर्चा की शुरूआत करते करते हुए कहा, ‘हम दुनिया में मजबूत बनकर तभी उभरेंगे जब हम पड़ोसी देशों से रिश्ते अच्छे रख पाएंगे। ‘चर्चा की शुरूआत में विपक्ष ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा और विदेश नीति की आलोचना की। इसके बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सदन में जवाब दिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने व्यक्तिगत तौर पर सम्मान अर्जित किया। जबकि पीएम मोदी की विदेश नीति ने पूरे देश का मान बढ़ाया। वहीं उन्होंने कहा कि पीएम मोदी में वो माद्दा है, जो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सामने चुनौती दे सकें।
जदयू नेता शरद यादव ने कहा, ‘आज के समय में चीन की ओर से जो बयान आते हैं तो काफी तकलीफ होती है। लेकिन हमारा देश अपनी ही दिक्कतों से जूझ रहा है।‘ सीपीआईएम सांसद सीताराम येचुरी ने कहा, ‘मेरी सरकार से शिकायत है कि मंत्रालय ही विदेश नीति हैंडल करे, पीएमओ क्यों करता है। इजरायल में 7 समझौते हुए, हम इनके बारे में जानना चाहते हैं। ये सारे पारंपरिक समझौते हैं।‘
विपक्ष के इन तमाम आरोपों का जवाब देते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा, प्रधानमंत्री नेहरु ने व्यक्तिगत रूप से सम्मान दिलाया, प्रधानमंत्री मोदी ने पूरे विश्वभर में देश को सम्मान दिलाया। नेपाल त्रासदी के वक्त नेपाल की सबसे ज्यादा मदद भारत ने की। जो देश सबसे पहले मदद को पहुंचे वह मित्र देश कहलाएगा।‘
सुषमा ने विपक्ष के पड़ोसी देशों से संबंध के जवाब में कहा, ‘आज बांग्लादेश के साथ सबसे अच्छे संबंध किसी देश के हैं तो वह भारत है। अगर कोई यह कहे कि हमने पाकिस्तान के साथ दोस्ती की पहल नहीं की तो यह गलत है। हमने शांति का, दोस्ती का रोडमैप बनाया था लेकिन रोडमैप एकतरफा नहीं चल सकता। बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद जब नवाज शरीफ ने उसे शहीद कहा तभी से भारत और पाकिस्तान के बीच चीजें बिगड़ी। किसी भी समस्या का समाधान युद्ध नहीं होता। अब समय बदल गया है। अब देश अपनी आर्थिक क्षमता से जाने जाते हैं। भारत हमेशा भारत-चीन बॉर्डर पर शांति चाहता है। यह द्विपक्षीय रिश्ते के लिए आवश्यक है। ‘
वहीं केंद्र की मोदी सरकार की विदेश नीति की सफलता समझाते हुए विदेश मंत्री ने कहा, ‘आज अमेरिका और रूस दोनों भारत के साथ हैं। यही आज भारत की विदेश नीति की सफलता है। हमारे इजरायल के साथ रिश्तों को फिलिस्तीन सकारात्मक रूप में ले रहा है। आज अरब वर्ल्ड के साथ किसी के सबसे अच्छे रिश्ते हैं तो वह भारत के हैं। यमन से हमने 4500 भारतीय लोगों को निकाला और 2000 विदेशी नागरिकों को भी निकाला। यह हमारी विदेश नीति की सफलता है।‘
मंत्रालय ही विदेश नीति हैंडल करे विपक्ष के इस कटाक्ष का जवाब देते हुए सुषमा स्वराज ने कहा, हम अपने मतभेदों को विवादों में न बदलने दें यह प्रधानमंत्री मोदी का बयान था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा खुद को साथ न ले जाने पर सुषमा स्वराज ने मनमोहन सिंह से पूछा वह कितनी बार सलमान खुर्शीद को अपने साथ ले गए।
सुषमा का राहुल गांधी पर हमला
सुषमा स्वराज ने चीन पर कहा कि विपक्ष के नेता उनके राजपूत से क्यों मिले. उन्होंने कहा कि विपक्ष को पहले भारत का दृष्टिकोण समझना चाहिए था। उसके बाद चीन के राजदूत को बुलाकर कहना चाहिए था कि हमारा ये पक्ष है। मगर, विपक्ष के नेता ने चीन के राजदूत से उनका पक्ष सुना।
पाकिस्तान पर क्या बोला
सुषमा ने कहा कि प्रधानमंत्री प्रोटोकॉल तोड़कर नवाज शरीफ के जन्मदिन में शामिल होने गए। ये हमारे संबंध का नजीर था। सुषमा ने कहा कि बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद जब पाकिस्तान में नवाज शरीफ ने उसे शहादत बताया तो हालात बिगड़े। सुषमा ने फिर स्पष्ट कर दिया हमारी सरकार का रोडमैप ये है कि जिस दिन आतंक खत्म हो जाएगा, पाकिस्तान से हमारी दोस्ती सुधर जाएगी।