नई दिल्ली, (हि.स.)। संसद के मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में गुरुवार को विदेश नीति पर चर्चा जारी है। चर्चा के दौरान विपक्ष ने चीन और पाकिस्तान के मुद्दे पर केंद्र की मोदी सरकार पर सवाल उठाए।
कांग्रेस सांसद और राज्यसभा में उपनेता आनंद शर्मा ने चर्चा की। चर्चा में हिस्सा लेते हुए जदयू नेता शरद यादव ने कहा, ‘आज के समय में चीन की ओर से जो बयान आते हैं तो काफी तकलीफ होती है। हमारे देश की जनता अगर मजबूत होगी, तो ही हमारी सेना भी मजबूत होगी। हमने पिछले 70 वर्षों में अपनी जनता को मजबूत नहीं किया है। उन्होंने कहा कि चीन में हर कोई इस मुद्दे पर एक है लेकिन हमारा देश अपनी ही दिक्कतों से जूझ रहा है। देश में किसान मर रहा है, सभी की अपनी अलग-अलग समस्या है। शरद यादव ने कहा कि 1971 में भारतीय सेना ने अकेले दम पर युद्ध लड़ा, लेकिन इंदिरा गांधी की चतुराई भी काफी काम आई थी।
शरद यादव ने कहा, ‘हमने 1974 में सिक्किम भी ले लिया और किसी को पता ही नहीं। चीन अगर धमकाता है तो उस पर गुस्सा नहीं आता है बल्कि अपने पर गुस्सा आता है। अगर हम ही मजबूत होते तो श्रीलंका हमारे पास से नहीं जाता।‘
उन्होंने कहा कि हमारे देश को अच्छा विदेश मंत्री मिला है लेकिन उसका अच्छा इस्तेमाल नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि आप हरिया की तरह काम कर रही हैं, लेकिन कक्का कोई और है। उन्होंने कहा कि पूरा देश आपके साथ है| अगर जरूरत पड़ी तो हम हाथ-पैर से भी लड़ने को तैयार हैं।
चर्चा में शामिल होते हुए समाजवादी पार्टी नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि भारत को चारों ओर से घेरा जा रहा है, चीन और पाकिस्तान एक साथ मिलकर भारत पर निशाना साध रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें दुनिया में अपने मित्र देशों की संख्या बढ़ानी चाहिए| रूस के साथ भी पिछले कुछ दिनों में संबंधों में कमी आई है। हमें यह तय करना होगा कि हमारा सबसे भरोसेमंद दोस्त कौन है। रामगोपाल बोले कि फिलिस्तीन के कारण हमारे संबंध इजरायल से अच्छे नहीं रहे हैं| उसके कारण ही हमने इजरायल को काफी समय के बाद मान्यता दी। हमारी सीमा के पास हमारा कोई समर्थक नहीं बचा है, ये एक चिंता का विषय है।
इससे पहले आनंद शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सवला उठाते हुए कहा, ‘हम दुनिया में मजबूत बनकर तभी उभरेंगे जब हम पड़ोसी देशों से रिश्ते अच्छे रख पाएंगे।‘