नई दिल्ली, (हि.स.)। लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी ने केरल में हो रही राजनीतिक हिंसा के मामले को पुरजोर तरीके से उठाया। भाजपा सांसदों ने बुधवार को केरल में वाममोर्चा के शासन के दौरान आरएसएस, भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले और कथित राजनीतिक हत्याओं के मुद्दे को उठाते हुए कहा कि लोकतंत्र में राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन किसी पार्टी के कार्यकर्ता को मारना अत्यंत निंदनीय है।
सांसदों ने इसकी एनआईए या सीबीआई से जांच करवाने की मांग की। शून्यकाल के दौरान भाजपा के प्रह्लाद जोशी और मीनाक्षी लेखी ने सदन में इस विषय को उठाया। सदन में माकपा समेत वामदलों के सांसदों ने इसका विरोध किया| दूसरी ओर भाजपा सांसद अपने स्थान से इस विषय को उठाते रहे।
प्रह्लाद जोशी ने कहा कि हम असहिष्णुता की बात करते हैं, लेकिन केरल में हर दिन हमारे कार्यकर्ताओं पर हमले हो रहे हैं। जब से वहां वाम सरकार आई है हर महीने राजनीतिक हत्याएं हो रही हैं। पिछले 17 महीने में 17 हत्याएं हुई हैं। इसमें आरएसएस, भाजपा कार्यकर्ताओं को मारा गया है| दो कांग्रेस के कार्यकर्ता भी मारे गए। बच्चों पर भी हमले किये गए जो जुलूस में शामिल थे।
प्रह्लाद जोशी ने आरोप लगाया कि केरल के वर्तमान मुख्यमंत्री के क्षेत्र में अधिकांश हमले हुए। तिरुवनंतपुरम में भाजपा मुख्यालय पर हमला किया गया। जोशी ने कहा कि ऐसा लगता है कि वामदलों का लोकतंत्र में कोई भरोसा नहीं है। इसलिए हमारी मांग है कि इन हत्याओं की एनआईए या सीबीआई से जांच कराई जाए।
वहीं मीनाक्षी लेखी ने कहा कि मैं उन 14 लोगों का नाम लेना चाहती हूं जिनकी केरल में राजनीतिक हत्याएं की गई । इनका नाम आप लोगों को पता नहीं होगा, अगर मैं पीलू खान या अखलाक का नाम लेती तो सभी को पता होगा।