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कांग्रेस ने केंद्र पर बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत न देने का आरोप लगाया
By Deshwani | Publish Date: 31/7/2017 5:32:09 PM
कांग्रेस ने केंद्र पर बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत न देने का आरोप लगाया

नई दिल्ली, (हि.स)। कांग्रेस ने केंद्र पर बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत न देने का आरोप लगाते हुए कहा है कि देश में बाढ़ की स्थिति चिंताजनक है। पूर्व से पश्चिम तक देश बाढ़ में डूबा होने के बावजूद मोदी सरकार सोती रही।
 
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन कर कहा कि केंद्र सरकार बाढ़ प्रभावित राज्यों और लोगों के पुनर्वास संबंधी काम करने में पूरी तरह फेल रही है। उन्होंने कहा कि कैग रिपोर्ट में भी बाढ़ से निपटने के लिए केंद्रीय फंड में 60 फीसदी की कमी देखी गई। काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान का 80 फीसदी हिस्सा जलमग्न हो चुका है। 218 जानवरों के साथ 17 गेंडे पानी में डूब गए। 2,08,932 हेक्टेयर क्षेत्र की तैयार फसल पानी में डूब गई। रेल सेवा प्रभावित हैं। लाखों लोग विस्थापन को मजबूर हुए।
 
उन्होंने कहा कि गुजरात में 128 मौतें हो चुकी हैं। गुजरात-महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में बाढ़ आई हुई है। लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा। 
 
स्थिति इतनी खराब है कि बनासकांठा जिले का खरिया गांव बाढ़ की चपेट में आ गया। एक दिन में 18 लोगों के शव नदी से निकाले गए। ये सारे लोग एक ही परिवार के हैं। केवल 500 करोड़ रुपये की राहत केंद्र सरकार द्वारा घोषित अपर्याप्त है। वे विपक्षी विधायकों को बाढ़ राहत देने से अधिक अपहृत करने में अधिक रुचि रखते हैं। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी, बनासकांठा जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 5 दिनों के बाद गए। वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने हवाई सर्वेक्षण किया, ये काफी नहीं है।
 
आजाद ने कहा कि राजस्थान में 16 मौतें हो चुकी हैं। जबकि 12,000 लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से सोमवार से 29 जुलाई तक जलालों, सिरोही, पाली और बाड़मेर जिलों में स्थानांतरित किया गया। हिमाचल प्रदेश में 4 लोगों की मौत और पश्चिम बंगाल में 34 लोगों की मौत हुई। पश्चिम बंगाल में लगभग 45,000 लोग राहत शिविरों में शरण ले रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में 6 मौतें हुई। बोटोट-किश्तवाड़ राष्ट्रीय राजमार्ग के पूरे इलाकों में पानी भरा हुआ है। 
ओडिशा में 18 मौतें हुई। भद्रक, बालासोर और केन्द्रपुर जिले में बिजली गिरने से 11 लोगों की मौत हो गई और 8 घायल हो गए।
पूर्वोत्तर में पिछले तीन दिनों से लगातार बारिश से अरुणाचल प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में भूस्खलन और बाढ़ आ गई है। राष्ट्रीय राजमार्ग 52 ए पर भूस्खलन के कारण देश के बाकी हिस्सों से इटानगर की राजधानी शहर कट गया है। अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम और नागालैंड भी प्रभावित हैं। मिजोरम में 50 वर्षों में सबसे ज्यादा बाढ़ का सामना करना पड़ा है। 
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