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लिंगानुपात में उत्साहवर्द्धक सुधार : मेनका गांधी
By Deshwani | Publish Date: 29/7/2017 5:55:58 PM
लिंगानुपात में उत्साहवर्द्धक सुधार : मेनका गांधी

नई दिल्ली, (हि.स.)। महिला और बाल विकास मंत्रालय के अनुसार देश में लिंगानुपात में उत्साहवर्द्धक सुधार हुआ है। मंत्रालय ने इसके लिए 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान को श्रेय दिया है।

 
लोकसभा में प्रश्नोत्तर काल के दौरान महिला एवं बाल कल्याण विकास मंत्री मेनका गांधी ने बताया कि 161 जिलों में कोलकाता में स्थिति सबसे खराब है। उन्होंने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के तहत जिलों में बेटियों की स्थिति के बारे में जानकारी दी।
 
प्रश्नकाल के दौरान तृणमूल कांग्रेस के एक सांसद ने पूरक प्रश्न पूछते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार ने 2011 में कन्याश्री योजना शुरू की और केंद्र सरकार से गुजारिश की थी कि इस कार्यक्रम को अन्य राज्यों में भी लागू करें। 
इस पर मेनका गांधी ने कहा कि यह पश्चिम बंगाल की सरकार का अपना प्रयास था, लेकिन वह अकेला राज्य था जिसने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना को लागू करने से पूरी तरह से इंकार कर दिया था।
 
मेनका ने कहा कि कई राज्यों ने ऐसी योजना शुरू की है और इन सभी का प्रदर्शन अच्छा रहा है। मध्यप्रदेश ने लाडली लक्ष्मी योजना, झारखंड ने लाडली योजना, गोवा ने ममता योजना, महाराष्ट्र ने माझी कन्या योजना के अलावा आंध्रप्रदेश, गुजराज, राजस्थान में भी ऐसी ही योजना चल रही हैं और इनका प्रदर्शन काफी अच्छा है।
 
नॉर्थ सिक्किम के अलावा मेनका गांधी ने कई अन्य जिलों का उल्लेख किया जहां लिंगानुपात बेहतर हुआ है। इनमें कर्नाल का लिंगानुपात 758 से बढ़कर 884, मिजोरम के सिहा में प्रति 1,000 लड़के प्रति 915 लड़कियां थी, जो बढ़कर 1,022 हो गया। तमिलनाडु में कुड्डालोर में लिंगानुपात 856 से बढ़कर 957, गाजियाबाद में 899 से बढ़कर 977, पंजाब में मानसा में 857 से बढ़कर 925, हिमाचल प्रदेश में ऊना में 857 से बढ़कर 904, रेवाड़ी में यह 803 से बढ़कर 846 और झांसी में 860 से बढ़कर 900 तक पहुंच गया है।
 
 
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