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मानसून सत्र में ओबीसी आयोग को मिल सकता है संवैधानिक दर्जा
By Deshwani | Publish Date: 27/6/2017 4:09:15 PM
मानसून सत्र में ओबीसी आयोग को मिल सकता है संवैधानिक दर्जा

नई दिल्ली,  (हि.स.)। संसद का मानसून सत्र इस बार न सिर्फ देश के दूसरे दलित राष्ट्रपति के चुनाव का गवाह बनेगा बल्कि संवैधानिक दर्जा की बाट जोह रहे अन्य पिछड़ा जाति आयोग (ओबीसी आयोग) को संसद की मंजूरी मिल जाएगी।

भाजपा के राज्यसभा सांसद भूपेन्द्र यादव की अगुवाई वाली प्रवर समिति ने ओबीसी आयोग विधेयक पर आम सहमति से मंजूरी दिए जाने की रिपोर्ट तैयार कर ली है। यह रिपोर्ट मानसून सत्र के पहले सप्ताह के आखिरी दिन सदन में पेश की जाएगी। प्रवर समिति ने अपनी 10 बैठकों में राज्य सरकारों से इस विधेयक पर मिले प्रस्तावों और सुझावों पर विचार-विमर्श कर इस बारे में रिपोर्ट तैयार की है। ताकि इसे राज्यसभा में पारित किया जा सके।
गौरतलब है कि संसद के बजट सत्र के दौरान इस विधेयक को लोकसभा में मंजूरी दे दी गई थी, किंतु राज्यसभा में विपक्ष के विरोध के कारण इसे प्रवर समिति को भेज दिया गया था।
राज्यसभा द्वारा विधेयक पारित होने पर अन्य पिछड़ा जाति आयोग को भी अनुसूचित जाति एवं आदिवासी आयोग के समान संवैधानिक दर्जा मिल जाएगा। जिसके बाद आयोग ओबीसी की सूची में से किन्हीं जातियों को जोड़ने या हटाने की सिफारिश कर सकता है, जिस पर संसद की मंजूरी की आवश्यकता होगी। बताते चलें कि भाजपा ने इस आयोग को संवैधानिक दर्जा प्रदान किए जाने को अपनी बड़ी उपलब्धि के तौर पर पेश करने को मचल रही है। भुवनेश्वर में भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान इसे संवैधानिक दर्जा दिलाने के लिए प्रतिबद्धता दोहराई थी। उल्लेखनीय है कि संसद का मानसूव सत्र आगामी 17 जुलाई से 11 अगस्त तक चलने की संभावना है।
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