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कस्तूरीरंगन होंगे राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर बनी समिति के हेड
By Deshwani | Publish Date: 26/6/2017 6:28:03 PM
कस्तूरीरंगन होंगे राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर बनी समिति के हेड

 नई दिल्ली, (हि.स.)। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) का अंतिम मसौदा तैयार करने के लिए पद्म विभूषण से सम्मानित वैज्ञानिक के कस्तूरीरंगन के नेतृत्व में एक नई समिति का गठन किया है। एचआरडी मंत्रालय ने विभिन्न विशेषज्ञता और शैक्षणिक योग्यता वाली पृष्ठभूमि के नौ लोगों को इस समिति में शामिल किया है। 

कस्तूरीरंगन के अलावा समिति में मुंबई की एनएनडीटी विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति डॉ वसुधा कामत हैं। शिक्षा प्रौद्योगिकी क्षेत्र से जुड़ी प्रमुख अकादमिक डॉ. कामत ने स्कूल शिक्षा के लिए बड़े पैमाने पर योगदान दिया है। अन्य सदस्य के. जे. अल्फोंसे स्कूल शिक्षा सुधारों के कार्यान्वयन में व्यावहारिक चुनौतियों का प्रशासनिक अनुभव रखते हैं। उन्होंने केरल के कोट्टायम और एर्नाकुलम जिलों में 100 प्रतिशत साक्षरता दर प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। प्रिंसटन विश्वविद्यालय यूएसए में गणित के प्रोफेसर डॉ मंजुल भार्गव। गणित में गौस संख्या सिद्धांत में उनके योगदान के लिए उन्हें युवा अवस्था में पदक से सम्मानित किया गया था। 
मध्य प्रदेश के महू स्थित बाबा साहेब अंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति राम शंकर कुरील भी समिति का हिस्सा हैं। उन्हें कृषि विज्ञान और प्रबंधन के क्षेत्र में व्यापक अनुभव है। कर्नाटक राज्य नवोन्मेष परिषद के पूर्व सदस्य सचिव डॉ एम के श्रीधर, भाषा संचार के विशेषज्ञ डॉ टी वी कट्टीमनी, गुवाहाटी विश्विविद्यालय में फारसी के प्रोफेसर डॉ मजहर आसिफ और उत्तर प्रदेश के पूर्व शिक्षा निदेशक कृष्ण मोहन त्रिपाठी को भी इस समिति में शामिल किया गया है।
परिषद तत्काल प्रभाव से अपना काम शुरू कर देगी। एक व्यापक लोकतांत्रिक अभ्यास के तहत पिछले 30 महीनों के दौरान मानव संसाधन विकास मंत्रालय को देशभर से शिक्षाविदों, शिक्षकों, विशेषज्ञों, छात्रों और अन्य हितधारकों के हजारों सुझाव प्राप्त हुए। तहसील, जिला और राज्य स्तर क्षेत्रीय सम्मेलनों का आयोजन किया गया जहां राज्य सरकारों ने अपनी विस्तृत राय दी। राज्यसभा ने मुद्दों पर चर्चा की और एक विशेष शिक्षा वार्ता आयोजित की गई जिसमें सभी पार्टियों के 48 सांसदों ने भाग लिया। कई सांसदों ने अपने विचारों को लिखित रूप में दिया है। माई जीओवी मंच पर 26, 000 लोगों ने ऑनलाइन अपने विचार दिये| टीएसआर सुब्रमण्यम समिति ने अपनी विस्तृत जानकारी दी है। इन सभी सुझाव और इनपुट पर समिति द्वारा विचार किया जाएगा।
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