नई दिल्ली, (हि.स.)। पक्षियों के अंडों का आकार जैसे अंडाकार, गोल, छोटा बड़ा होना और नोकिला होना उनके उड़ने के तरीके पर निर्भर करता है। अमेरिकी जनरल साइंस स्टेम्स के मुताबिक यह अबतक की सबसे बड़ा और विविध शोध कार्य था जिससे जीव विज्ञान के एक बड़े रहस्य खुलासा हुआ है।
प्रिंसटन विश्वविद्यालय में जीवविज्ञानी और अध्ययन के प्रमुख लेखकों में से एक मैरी कैसवेल स्टोडर्डर्ड ने कहा कि सामान्य परिकल्पना के विपरीत, हमने पाया है कि उड़ान अंडे के आकार को प्रभावित कर सकती है। अच्छे पंख वाले पक्षी अनियमित या अण्डाकार अंडे देते हैं।
एक और तथ्य सामने आया है कि अंडे की आंतरिक झिल्ली न की उसका बाह्य खोल अंडों में विविधता पैदा करता है। इससे पहले वैज्ञानी मानते थे कि अंडे पक्षी कहां देता है इससे उसका आकार निर्धारित होता है।
शोधकर्ताओं ने पक्षियों की लगभग 1400 प्रजातियों से 49,175 अंडे के आकार को जांचा। इनमें से कुछ विलुप्त हो चुके पक्षियों के थे। कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले में वर्टेब्रेट जूलॉजी के संग्रहालय में से इससे जुड़ा डेटाबेस हासिल किया गया।
विषम व अण्डाकार आकार और बायोमेट्रिक व पर्यावरण मापदंडों के अनुसार अंडों को वर्गीकृत किया गया। इसके बाद शोधकर्ताओं ने एक गणितीय मॉडल तैयार कर उसका अध्ययन किया।
इससे अंडे के आकार और पक्षियों के शारीरिक लक्षणों के बीच संबंधों का अध्ययन करना आसान हो गया । इससे यह निर्धारित किया गया कि अंडे के आकार की भविष्यवाणी करने के लिए सबसे अच्छे मापदंडों में से एक उड़ान में पक्षी का कौशल है। इससे पता चला कि सबसे अधिक वायुगतिकीय पक्षी लंबे या नुकीले अंडे देते हैं।