नई दिल्ली, (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को मन की बात में कहा कि खेल के प्रति युवाओं का रुझान बढ़ता चला जा रहा है। अब ये नज़र आने लगा है कि पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद में भी हमारी युवा पीढ़ियों को अपना भविष्य दिखने लगा है और हमारे खिलाड़ियों के कारण, उनके पुरुषार्थ के कारण, उनकी सिद्धि के कारण देश का भी नाम रोशन होता है।
उन्होंने बैडमिंटन खिलाड़ी किदाम्बी श्रीकांत को बधाई देते हुए कहा कि श्रीकांत ने इंडोनेशिया ओपन में जीत दर्ज़ कर देश का मान बढ़ाया है। मैं इस उपलब्धि के लिए उनको और उनके कोच को ह्रदय से बधाई देता हूँ।
उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले एथलीट पी. टी. उषा के ऊषा स्कूल ऑफ एथलेटिक्स के सिन्थेंटिक ट्रैक के उद्घाटन समारोह में जुड़ने का अवसर मिला था। कहा कि खेल व्यक्तित्व के विकास के लिए भी बहुत बड़ी अहम भूमिका अदा करता है। साथ ही व्यक्तित्व विकास में खेल का माहात्म्य बहुत है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। अगर हमारे परिवार में भी बच्चों को खेल की रुचि है, तो उनको अवसर देना चाहिए। उनको मैदान में से उठा करके, कमरे में बंद करके, किताबों के लिए मजबूर नहीं करना चाहिए। वो पढ़ाई भी करें, उसमें भी आगे बढ़ सकते हैं, तो बढ़ें, लेकिन अगर खेल में उसका सामर्थ्य है, रुचि है, तो स्कूल, कॉलेज, परिवार, आस-पास के लोग - हर किसी को उसको बल देना चाहिए, प्रोत्साहित करना चाहिए। अगले ओलंपिक के लिए हर किसी को सपने संजोने चाहिए।